मंगल दोष से शादी में आ रही है समस्या तो अपनाएं ये अचूक उपाय!

अच्छा और बुरा समय एक सिक्के के दो पहलू की तरह होता है. ग्रह नक्षत्रों के शुभ, अशुभ प्रभाव का इंसान की जिंदगी पर व्यापक प्रभाव पड़ता है. लेकिन अंधकार में ही उजाले की उम्मीद छुपी होती है. कई लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है जिससे उनके विवाह में काफी अडचनें आती हैं. अगर जन्मपत्री में पहले, चौथे, सातवें, आठवें और दसवें भाग में मंगल ग्रह द्रष्टिगोचर होता है जिस वजह से जातक को मंगल दोष लगता है. ग्रहों के शुभ अशुभ प्रभाव और उपाय पर लिखी गई 'लाल किताब' में दो तरह के मंगलदोष बताए गए हैं. एक है अच्छा मंगलदोष और दूसरा बुरा मंगलदोष. मंगलदोष को लेकर मान्यता है कि 28 साल की उम्र के बाद जातक की कुंडली से मंगल दोष का प्रभाव अपने आप ही खत्म हो जाता है. ये मान्यता भी है कि अगर लड़की की कुंडली में मंगलदोष हो तो उसकी शादी भी उसी लड़के से करनी चाहिए जिसकी जन्मपत्री में मंगल दोष है. लेकिन अगर लड़की की कुंडली में शनि मंगल से ज्यादा भारी है तो मंगलदोष अपने आप खत्म हो जाता है. आइए जानते हैं लाल किताब के कुछ उपाय जिन्हें अपनाकर आप मंगल दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं.

लाल किताब के मुताबिक, मंगल दोष का सबसे ज्यादा असर खून और आंखों पर पड़ता है. इस दोष को ख़त्म करने के लिए कम से कम 43 दिनों तक आंखों में सफ़ेद सुरमा लगाएं. मंगलवार और शनिवार आंखों में सुरमा लगाना न भूलें. कोशिश करें कि पेट हमेशा साफ़ रहे ताकि खून भी साफ़ रहे.

लाल किताब के अनुसार, मंगल ग्रह का जुड़ाव भाई से होता है. ऐसे में कोशिश करें कि भाई के साथ आपके रिश्ते ठीक रहें और आपके बीच प्रेम बना रहे. भाई से मनमुटाव का मतलब है मंगल दोष से परेशान होना.

कपड़े उतारे मर्द, शर्मिंदा हों औरतें
मंगल ग्रह का दक्षिण दिशा से गहरा संबंध है. इसलिए मंगल पोश को शांत करने के लिए दक्षिण दिशा में नीम का पौधारोपण करें.अगर ऐसा करने में कोई समस्या आ रही है तो आप मंगलवार के दिन नीम के पेड़ पर जल अर्पित करके इस समस्या को हल कर सकते हैं.

जीवन से मंगल दोष का प्रभाव खत्म करने के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें. मंगलवार और शनिवार के दिन मंदिर जाकर दिया जलाएं.

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