भोपाल के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज, अच्छे नहीं बल्कि गलत काम के लिए दर्ज हुआ

भोपाल
कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित देश के टॉप जिलों में शामिल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. हालांकि ये रिकॉर्ड अच्छे नहीं बल्कि गलत काम के लिए दर्ज हुआ है. लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने के मामले में भोपाल मध्यप्रदेश के दूसरे जिलों की अपेक्षा अव्वल है. एक आंकड़े के मुताबिक यहां उल्लंघन के मामलों की हर दिन 86 एफआईआर दर्ज हो रही है. लॉकडाउन लगने के बाद से 27 मई तक की स्थिति में इस मामले में 5 हजार 679 केस दर्ज हो चुके हैं.

मध्य प्रदेश लॉकडाउन के उल्लंघन के मामलों में सबसे ज्यादा केस भोपाल में दर्ज हुए हैं. इसके बाद इंदौर और बाकी दूसरे जिलों में केस सामने आए हैं. लॉक डाउन की अवधि के दौरान सभी थाने और यातायात पुलिस ने लॉकडाउन दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले कुल 10 हजार 745 आरोपियों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर 58 लाख 31 हजार 200 रुपये की कमाई की है. पुलिस का दावा है कि लॉकडाउन के नियमों का राजधानी भोपाल में सख्ती से पालन कराया जा रहा है. कलेक्टर और डीआईजी के निर्देश के बाद पुलिस लापरवाही करने वालों पर एफआईआर दर्ज कर रही है.

यहाँ पर बरती गई सख्ती

  • वर्तमान में भोपाल जिले के 34 थानों में कुल 185 कंटेनमेंट क्षेत्रों में ड्रोन और सीसीटीवी सर्विलेंस व्हीकल्स से निगरानी रखी जा रही है. पुलिसकर्मियों ने पीपीई किट पहनकर आवाजाही पर नज़र रखी.
  • ड्रोन से मॉनिटरिंग कर शासन के आदेशों का उल्लंघन करने वाले करीब 210 लोगों के विरुद्ध अब तक मामलें दर्ज हुए.
  • बगैर मास्क लगाए बाहर निकलने वाले, किराना, सब्जी आदि विक्रय करने वाले करीब 500 से अधिक लोगों के विरुद्ध 188 के तहत मामलें दर्ज किए गए.
  • पुलिस ने सभी थाना क्षेत्रों में नियमित रूप से अनाउंसमेंट कर लोगों को घरों में रहने और बेवजह बाहर न निकले की हिदायत दी जा रही है.
  • कोरोना से पुलिसकर्मियों और बचाने के लिए सभी थानों और प्रमुख कार्यालयों को नियमित सेनिटाइज किया गया.

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