भीमा मंडावी मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र, NIA जांच पर पुनर्विचार की अपील

रायपुर 
छत्तीसगढ़ सरकार ने भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हमले में मारे जानेके मामले में केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है. राज्य सरकार ने भीमा मंडावी की हत्या के मामले में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए एनआईए (NIA) जांच के आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील की है. केन्द्रीय गृह सचिव को पत्र भेजकर राज्य सरकार ने बताय है कि भीमा मंडावी पर हुए नक्सली हमले की जांच अंतिम चरण में है. इस मामले में जांच को पूरा किया जाना बेहद जरूरी है. उस लिहाज से एनआईए को केस सौंपने के आदेश पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. बता दें कि 17 मई को केंद्र सरकार ने इस मामले में एनआईए जांच के आदेश दिए थे. जांच एजेंसी ने राज्य सरकार से इस मामले से जुड़ी जानकारी मांगी थी. लेकिन फिलहाल एनआईए को मामले से जुड़ी कोई जानकारी नहीं सौंपी गई है. अब राज्य सरकार ने पत्र लिखकर एनआईए जांच पर ही फिर से विचार करने की अपील की है.

गौरतलब है कि 9 अप्रैल को नक्सलियों ने विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर दंतेवाड़ा से लगे श्यामगिरी के बाजार के पास हमला कर दिया था. आईईडी ब्लास्ट कर उनकी गाड़ी ही उड़ा दी गई थी. इस हमले में विधायक मंडावी सहित चार जवान शहीद हो गए थे. भीमा की हत्या के बाद बीजेपी ने इस हमले को साजिश करार दिया था. वहीं इस मामले में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए थे. वहीं 17 मई को केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने का फैसला लिया.

भीमा मंडावी की हत्या के बाद भी और अब जांच पर भी जमकर राजनीति हो रही है. भाजपा और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इस पूरे मामले में भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि राज्या सरकार से जांच में निष्पक्षता की उम्मीद नहीं है. जांच की दिशा को लेकर संदेह है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस एनआईए की जांच को प्रभावित कर सकती है. अब केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है, ये कही न कही साजिश की तरफ इशारा कर रही है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि भीमा मंडावी की हत्या दुरभाग्यपूर्ण है. एनआईए जांच से मनाही नहीं है. पत्र लिखकर कांग्रेस इस मामले में राजनीति कर रही है.

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