अमेरिकी रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज, इसे सस्ती जेनेरिक दवा पर बताया हमला

 नई दिल्ली 
भारत ने अमेरिका की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें यह कहा गया था कि दुनिया में नकली दवाओं का मुख्य स्रोत भारत है। भारत ने इस रिपोर्ट को सस्ती जेनेरिक दवाइयों पर हमला करार दिया है। भारत का मानना है कि जेनेरिक दवाइयों की वजह से देश में स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती हो पाई हैं। 
 
यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रेजेंटिव (यूएसटीआर) की 'स्पेशल 301 रिपोर्ट' में कहा गया था कि दुनिया में मिलने वाली नकली दवाइयों के मुख्य स्रोत भारत और चीन हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बिकने वाली दवाओं में से करीब 20 फीसदी नकली हो सकती हैं। 

 बातचीत में स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने USTR की रिपोर्ट पर पूरी तरह से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि उन्होंने कि मेथॉडलॉजी का सहारा लिया है और कैसे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। सूदन ने कहा कि वास्तव में हम इसे जेनेरिक दवाओं के विरोध के रूप में देख रहे हैं। साथ ही भारतीय दवा इंडस्ट्री जो कि दुनिया की फार्मेसी हब के रूप में है, उसके विरोध में भी देखते हैं। 

यूएसटीआर रिपोर्ट अमेरिका सलाना स्तर पर जारी करता है। यह रिपोर्ट अमेरिका अपनी उस नीति के अंतर्गत जारी करता है, जिसमें वह दुनिया के दूसरे देशों पर दबाव बनाकर अपनी फार्मास्यूटिकल्स कंपनियों को उन देशों में पेटेंट अधिकार दिला सके, जिससे मरीजों को सस्ती दवा आसानी से मिल सके। 
 

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