भारत ने पाक को बातचीत के लिए 11-14 जुलाई की तारीख सुझाई: करतारपुर कॉरिडोर

 
नई दिल्ली 

भारत ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान को नए दौर की बातचीत के लिए 11-14 जुलाई की तारीख का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत के प्रस्तावों को मानने से इनकार कर दिया था और इसके लिए कुछ नियम और शर्तें भी लगाई थी। 

भारत, करतारपुर परियोजना पर पाकिस्तान को उसके द्वारा नियुक्त समिति में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की उपस्थिति पर अपनी गहरी चिंताओं से पहले ही अवगत करा चुका है। भारत ने परियोजना से संबंधित कुछ अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण भी मांगा था। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने इस मुद्दे पर बातचीत के लिए नई तारीखों का प्रस्ताव किया है और क्या इसका अर्थ यह समझा जाए कि बातचीत की प्रक्रिया में रूकावट बने पूर्ववर्ती मुद्दों को सुलझा लिया गया है, तो घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र ने कहा, 'हां, (यह) कॉरिडोर के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।' 

सूत्रों ने कहा कि बातचीत के लिए 11-14 जुलाई प्रस्तावित तिथियां हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बधाई संदेश के जवाब में 12 जून को भेजे एक पत्र में करतारपुर गलियारे को जल्द शुरू करने को कहा था। पाकिस्तान ने कहा है कि श्रद्धालुओं को सिर्फ एक विशेष परमिट व्यवस्था के तहत करतारपुर की यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी। भारत ने प्रस्ताव दिया था कि भारतीय नागरिकों के अलावा ‘ओवरसीज इंडियन कार्ड ’ (ओआईसी) धारकों को भी तीर्थयात्रा की इजाजत दी जाए, लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही इजाजत दी जाएगी। 

भारत ने सुझाव दिया था कि इसे हफ्ते के सातों दिन और साल में 365 दिन खुला रखा जाए, लेकिन पाकिस्तान ने कहा है कि इसे सिर्फ तीर्थयात्रा के दौरान ही खुला रखने की इजाजत दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि नयी दिल्ली ने कहा है कि 5,000 लोगों को हर दिन इजाजत दी जानी चाहिए, लेकिन इस्लामाबाद ने कहा कि 700 से अधिक लोगों को इजाजत नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान ने विशेष दिनों में 10,000 लोगों को यात्रा की इजाजत देने के भारत के प्रस्ताव का भी जवाब नहीं दिया है। 

भारत का काम तेजी पर 
भारत ने अपनी सीमा में इस गलियारे के काम को तेजी से अंजाम दिया है। भारत ने इस कॉरिडोर के तहत 4 लेन हाइवे स्ट्रेच का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है। 27 मई को टेक्निकल एक्सपर्ट्स की ग्रुप मीटिंग में पाकिस्तान ने इस रास्ते पर एक ऊंचा मार्ग बनाने की बात कही थी, लेकिन इस पर भारत की हाइवे निर्माण संस्था एनएचएआई ने कहा था कि यह ठीक नहीं है। एनएचएआई एवं अन्य अधिकारियों का कहना था कि इस रास्ते पर रावी में बाढ़ के चलते खतरे की स्थिति होगी। 

सूत्रों का कहना है कि भारत की ओर से बनने वाले 4 लेन हाइवे को पाकिस्तान की तरफ बने टून-लेन रास्ते पर मिलाना था। इसके अलावा भारतीय सीमा में एक ऑलवेदर ब्रिज बनना है, जो पाकिस्तान में कॉजवे यानी पक्की और ऊंची सड़क पर जाकर निकलता। दोनों देशों के बीच निर्माण को लेकर इस विसंगति पर कई बार चर्चाएं हुई थीं।
 

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