देश में न हो तेल संकट, अमित शाह ने मंत्रियों के साथ की अहम बैठक

नई दिल्ली

कार्यभार संभालने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने शाह ने मंगलवार को गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में पेट्रोलियम सेक्टर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ही नीति आयोग के अध्यक्ष अमिताभ कांत और पेट्रोलियम मंत्रालय के उच्चाधिकारी मौजूद रहे

शाह ने पेट्रोलियम पदार्थों की उपलब्धता और डीजल-पेट्रोल की सुचारू उपलब्धता के लिए भविष्य की कार्ययोजना के संबंध में जानकारी ली. शाह की यह मीटिंग इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिकी दबाव में भारत को 2 मई से ईरान से तेल का आयात बंद करना पड़ा था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि जो भी देश ईरान से तेल आयात जारी रखेगा, उन्हें अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.

ईरान से सस्ते तेल का आयात बंद करने के बाद भारत को अमेरिका से राहत की उम्मीद थी. अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने नई दिल्ली में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात के बाद कहा था कि अमेरिका भारत को ईरान के सस्ते तेल का आयात रोकने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कम दरों पर कच्चा तेल बेचने का भरोसा नहीं दे सकता. भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा था कि अमेरिका कच्चा तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सऊदी अरब समेत अन्य देशों के साथ काम कर रहा है.

फायदेमंद था ईरान का तेल

ईरान से कच्चे तेल का आयात भारतीय परिशोधन संयंत्रों के लिए फायदेमंद था. ईरान खरीदारों को भुगतान के लिए 60 दिन का समय देता है. यह सुविधा अन्य विकल्पों सउदी अरब, कुवैत, इराक, नाइजीरिया और अमेरिका उपलब्ध नहीं कराते.

ईरान से आयात बंद होने से बढ़ीं दिक्कतें

ईरान से तेल का आयात बंद होने के बाद कच्‍चे तेल को लेकर दिक्‍कतें बढ़ गई हैं. उल्लेखनीय है कि भारत, चीन के बाद ईरान के कच्चा तेल का दूसरा बड़ा खरीदार रहा है. कच्चे तेल के कुल आयात मे ईरान की हिस्सेदारी 10 फीसदी थी. वित्तीय वर्ष 2018-19 में ईरान से कुल 2.40 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया गया था.

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