भारत ने तैनात किए युद्धपोत उत्तरी अरब सागर में पाकिस्तान के नौसैनिक अभ्यास पर नजर रखने के लिए
नई दिल्ली
भारत ने कुछ युद्धपोत, पनडुब्बियां, समुद्री सीमा की पट्रोलिंग करने वाले विमान और कुछ युद्धक विमान अग्रिम पंक्ति में तैनात कर रखे हैं, ताकि उत्तरी अरब सागर में पाकिस्तान के चल रहे बड़े नौसैनिक अभ्यास पर नजर रखी जा सके। पाकिस्तान अपनी युद्ध क्षमता के आकलन के लिए इस नौसैनिक अभ्यास के दौरान अगले कुछ दिनों तक मिसाइल और रॉकेट भी फायर करेगा।
सुरक्षा संस्थानों के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तानी युद्धाभ्यास पर करीबी नजर रखी जा रही है। भारत के सशस्त्र बल उन स्थितियों के लिए भी तैयार हैं, अगर खुदा-न-खास्ता पाकिस्तान ने कोई हिमाकत दिखाने की कोशिश की। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान की सेना या वहां के आतंकी समूहों की ओर से हमले का खतरा बढ़ गया है। सूत्रों ने कहा, 'हालांकि, पाकिस्तान का यह युद्धाभ्यास सामान्य प्रक्रिया के तहत हो रहा है, लेकिन उसका इरादा कभी भी बदल सकता है।'
25 से 29 सितंबर तक चलेगा पाकिस्तान का युद्धाभ्यास
पाकिस्तान ने उत्तरी अरब सागर से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों के लिए मेरिटाइम अलर्ट जारी कर कहा कि वह 25 से 29 सितंबर तक लाइव मिसाइल, रॉकेट और बंदूकों की फायरिंग करेगा। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान पाकिस्तान की हर हरकत पर भारत की नजर रहेगी। अगर उसने रुटीन से हटकर कुछ भी किया तो उसका मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा। भारतीय नौसेना और वायुसेना ने इसकी पर्याप्त व्यवस्था कर रखी है।
भारतीय वायुसेना और नौ सेना पूरी तरह चौकन्ना
भारतीय नौसेना पाकिस्तानी युद्धाभ्यास के लंबे-चौड़े इलाके पर नजर रखने के लिए Poseidon-8I पेट्रोल एयरक्राफ्ट का भी इस्तेमाल कर रही है। एक सूत्र ने बताया, 'वहां पाकिस्तान के कम-से-कम सात से आठ युद्धपोत हैं।'
वैसे भारतीय वायुसेना 26 फरवरी को पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर हमला करने के बाद से ही हर वक्त लड़ाई के लिए तैयारी की मुद्रा में है। इस महीने से बालाकोट में फिर से आतंकवादियों का जमावड़ा लगने लगा है। एक अधिकारी ने कहा, 'वैसे तो सैन्य संघर्ष की आशंका तो नहीं है, फिर भी हम कोई चांस नहीं ले सकते।' पिछले महीने जब पाकिस्तान और चीन की वायुसेना के बीच 'शाहीन VIII' एक्सरसाइज हुआ था, तब भी भारत ने अपनी ओर से पर्याप्त तैयारी कर रखी थी।