भारत-चीन सीमा पर खींचतान इस बार लंबी रहने के आसार

नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच जारी सैन्य गतिरोध लंबा खिंच सकता है। सूत्रों के मुताबिक ये गतिरोध पूरी गर्मी भर बना रह सकता है। दोनों ओर के सैनिक डटे हुए हैं। फिलहाल पूर्वी लद्दाख में 4 जगहों पर दोनों ओर से तनातनी (India-China faceoff at 4 points at Ladakh border) का माहौल है।

जिन 4 जगहों पर दोनों पक्षों में तनातनी चल रही है, उनमें से 3 गलवान घाटी में हैं जबकि चौथा पॉइंट पैंगोंग सो झील है। गलवान में पॉइंट 14, पीपी 15 और गोगरा पीपी 17 में तनाव है।

अधिकारियों ने बताया कि भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण से पीछे नहीं हटेगा। बातचीत का सिलसिला जारी है। लेकिन इतना साफ है कि फॉरवर्ड एरिया में भारत अब चीन के मुकाबले जल्दी सप्लाई भेज सकता है। ऐसे में अगर दोनों ओर से सैन्य झड़प होती है तो भारत स्थितियों को नियंत्रित करने में और ज्यादा सक्षम रहेगा।

हालांकि, चीन ने तिब्बत में एयरपोर्टों के आसपास निर्माण गतिविधियां तेज की हैं। 1 अप्रैल (लेफ्ट पिक) और 17 मई 2020 ( राइट पिक) को ली गईं 2 सैटलाइट तस्वीरों से साफ होता है कि चीन ने नगारी गुन्सा सिविल मिलिटरी एयरपोर्ट बेस के आस-पास निर्माण गतिविधियां तेज की हैं।

अधिकारियों ने बताया कि हथियारों और जवानों के रीइन्फोर्समेंट के जरिए भारत चीन के हथियारों, जवानों और रणनीति का मुकाबला कर सकता है। वैसे सरकार का मानना है कि चीनी घुसपैठ का मुद्दा स्थानीय स्तर पर मिलिटरी कमांडरों के बीच सुलझा लिया जाएगा। लेकिन इसके साथ ही सरकार लंबे गतिरोध के लिए भी पूरी तरह तैयार है। सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली और पेइचिंग में भारत और चीन के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं।

पेइचिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने सोमवार को एक बार फिर कहा कि 'सीमा पर हालात स्थिर और नियंत्रणयोग्य' हैं। चीनी प्रवक्ता ने बताया कि दोनों पक्षों में कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बातचीत के जरिए समस्या को सही तरह से हल कर लिया जाएगा।

एक तरफ तो चीन बातचीत के जरिए समस्या के हल करने की बात कह रहा है लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध भी छेड़ चुका है। चीन की तरफ से सोशल मीडिया पर चीनी सैनिकों द्वारा कथित तौर पर भारतीय सैनिकों की पिटाई के वीडियो और फोटो जारी किए जा रहे हैं।

पूरे विवाद पर भारत की भाषा बहुत संयमित लेकिन दृढ़ है। डोकलाम गतिरोध के वक्त भी भारत का यही रुख रहा था जो काफी कामयाब हुआ था।

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