भारतीय फेसबुक की कमी का पता लगाकर इनाम पाने में अव्वल

 फेसबुक अपने सबसे बड़े यूजर बेस भारत में साइबर सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स को डेटा चोरी और संबंधित खतरों का पता लगाने के लिए मोटी रकम दे रही है। इस बड़ी सोशल मीडिया कंपनी के मुताबिक, उसने 2018 में 100 से अधिक देशों के सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स को 11 लाख डॉलर से अधिक का इनाम दिया था। इससे रिसर्चर्स का अब तक का कुल पेआउट 75 लाख डॉलर के ऊपर चला गया। फेसबुक ने अपने पेआउट प्रोग्राम बग बाउंटी स्कीम की शुरुआत 2011 में की थी। पेआउट पाने के मामले में भारत, अमेरिका और क्रोएशिया टॉप तीन देश हैं।

41.9 करोड़ यूजर का डेटा हो रहा था चोरी

गुरुवार को अमेरिकी ऑनलाइन पब्लिशर टेक क्रंच ने करोड़ों यूजर्स के फोन नंबर चोरी होने की जानकारी दी थी। एक सर्वर के जरिए 41.9 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी किया जा रहा था। टेक क्रंच को इसकी जानकारी उदयपुर के सिक्यॉरिटी रिसर्चर संयम जैन ने दी, जो नीदरलैंड की नॉन-प्रॉफिट GDI फाउंडेशन के सदस्य हैं। हालांकि, जैन ने यह काम बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत नहीं किया था।

भारत की अपनी बग बाउंटी कम्युनिटी को महत्वपूर्ण

फेसबुक के सिक्यॉरिटी इंजीनियरिंग मैनेजर डैन गर्फिंकेल ने बताया कि जबसे कंपनी ने बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू किया है, भारत बाउंटी पेआउट और बग रिपोर्ट की क्वॉलिटी में आगे रहा है। उन्होंने कहा, 'हम भारत की अपनी बग बाउंटी कम्युनिटी को महत्वपूर्ण मानते हैं। वे हमारे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे लोगों की सुरक्षा के लिए लगातार हमारी मदद करते हैं।'

पुलिस के सोशल मीडिया और साइबर क्राइम विभागों को ट्रेनिंग देने वाले गौतम कुमावत को फेसबुक के प्रोग्राम के तहत इनाम मिल चुका है। उन्होंने बताया कि भारत की बग बाउंटी कम्युनिटी ने देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए काफी ग्रोथ की है।

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