भानु भूरिया के नाम का ऐलान होते ही फूट पड़े बगवात के सुर ,कल्याणसिंह डामोर का इस्तीफा

झाबुआ
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने झाबुआ उपचुनाव लिए भानु भूरिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया से होगा| पिछली बार कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ा था| वहीं इस बार भाजपा में भी बगवात के सुर फूट पड़े हैं| टिकट की घोषणा होते ही कल्याणसिंह डामोर ने इस्तीफा दे दिया है| जिला अध्यक्ष के नाम लिखे अपने इस्तीफे में उन्होंने लगातार हो रही उपेक्षा को कारण बताया है|

डामोर ने अपने इस्तीफे में लिखा है उन्होंने इस पार्टी में लंबा समय बिताया लेकिन भाजपा ने उनकी उपेक्षा की है। बता दें कि टिकट के दावेदारों में कल्याणसिंह डामोर भी शामिल थे, लेकिन पार्टी ने भानु भूरिया के नाम का एलान कर सभी दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया| डामोर को फग्गनसिंह कुलस्ते, रंजना बघेल एवं गुमानसिंह डामोर के बेहद करीबी माना जाता रहा है। वे भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा में प्रदेश इकाई के भी पदाधिकारी रहे हैं। उनके इस्तीफे को टिकट न मिलने की स्थिति में उनकी तात्कालिक नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। डामोर निर्दलीय नामांकन भर सकते हैं|

इस सीट से विधायक जीएस डामोर के इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है। दोनों ही दलों के यह चुनाव बेहद अहम् है| भाजपा इस सीट पर कब्ज़ा बरकार रखना चाहती है|  वहीं कांग्रेस झाबुआ सीट जीतकर विधानसभा में अपना बहुमत हासिल करने की रणनीति बना रही है। अभी कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, यदि झाबुआ उसके खाते में आ गई तो निर्दलीय प्रदीप जायसवाल के साथ वह आसान बहुमत हासिल कर लेगी। वहीं दोनों ही दलों को बगावत और भितरघात का ख़तरा है|

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