भाजपा नेताओं की सत्ता लिप्सा से फैल रहा कोरोना-जीतू पटवारी

भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये सवाल उठाया कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने जिन किसानों के ऋण माफ किए हैं और जिन्हें सर्टिफिकेट दिया गया है उन किसानों के खाते में ऋण माफ करने की बजाय मध्य प्रदेश सरकार उपार्जन के भुगतान का पैसा ऋण खाते में जमा करके किसानों के साथ धोखेबाजी कर रही है। कमलनाथ सरकार एक चुनी हुई सरकार थी जिसे जनता ने किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर मेंडेट दिया था। कमलनाथ जी की सरकार ने तीन चरणों में इस कर्जे की माफी की ।

पहले चरण में लगभग 21 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया दूसरे चरण में 4 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया और तीसरे चरण का कर्जा एक जून से समायोजित किया जाना था इसका फैसला सरकार की कैबिनेट ने लिया था। इस फैसले के विरुद्ध धोखे से पीछे के दरवाजे से आई सौदाबाज शिवराज  सरकार अगर किसानों का गला घोंटती है तो किसानों के हितों के लिए ना केवल कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी बल्कि अवैधानिक तरीके से किसानों के हितों पर डाका डालने की इस कुचेष्टा का वैधानिक प्रतिकार भी करेगी ।

जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश की भाजपा ने अपने नेता के आदर्श मंत्र के अनुरूप कोरोना की 'आपदा  को भ्रष्टाचार के अवसर ' में बदल दिया है। त्रासदी की आड़ में जमकर लूट हो रही है आटा चोरी के सार्वजनिक प्रमाणों के बाद अब उत्तर प्रदेश के गरीबों के राशन की मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत के चुनाव क्षेत्र सुर्खी में समितियों द्वारा की जा रही खरीदी और जप्त गरीबों के राशन की एफ आई आर के बाद यह अपरिहार्य हो गया है कि सरकार खाद्य मंत्री के चुनाव क्षेत्र में इस तरह गरीबों का राशन समितियो द्वारा खरीदे जाने की पूर्ण जांच करवाएं। खाद्य मंत्री की नाक के नीचे ऐसा कौन सा रैकेट किसके संरक्षण में काम कर रहा है जो 200 किलोमीटर दूर से गरीबों का राशन चोरी करवा कर उपार्जन में खरीदी करने का काम करता है ।खाद्य मंत्री को इस घटना पर अपना इस्तीफा देना चाहिये।

त्रासदी की इस घड़ी में आपदा को अवसर में बदलने का एक और नमूना सार्वजनिक हुआ है ,कोरोनटीन  सेंटर में संक्रमण संदेही व्यक्ति को आइसोलेशन में रखने के लिए जो खर्चा प्रति व्यक्ति प्रतिदिन मध्यप्रदेश में किया जा रहा है वह राजस्थान के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है ।यह हैरानी की बात है कि क्वेरेनटीन सेंटर पर जहां मध्यप्रदेश में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति ₹2000 भोजन पर व्यय किया जा रहा है वही राजस्थान में मात्र ₹600 । क्या यह जनता के धन पर खुला डाका नहीं है । पटवारी ने कहा कि डेडीकेटेड कोरोना अस्पताल के नाम हो रही अंधेरगर्दी भी अवसर बन चुकी है।इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए और सरकार को संपूर्ण खर्चे सार्वजनिक करना चाहिए।

पटवारी ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कोरोना की लड़ाई में साथ देना चाहती है ।कोरोना समाप्त होने तक हम राजनीति नहीं करना चाहते किंतु शर्म आती है जब स्वयं मुख्यमंत्री रेड जोन संक्रमित क्षेत्र इंदौर के छुटभैया नेताओं को बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग के कानून का उल्लंघन कर भाजपा की सदस्यता अपने हाथ से देते हैं। क्या मुख्यमंत्री के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का कानून नहीं है? क्या मंत्री तुलसीराम सिलावट के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का कानून नहीं है? एक तरफ सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर मंदिर में पूजा करने वाले पुजारियों को पुलिस घसीट घसीट कर मारती है और दूसरी तरफ भाजपा की नेत्री इमरती देवी स्वागत समारोह करवाती हैं।

भारतीय जनता पार्टी अगर कानून में भरोसा रखती है तो तुलसी सिलावट तथा उनके कार्यकर्ता एवं इमरती देवी और उनके कार्यकर्ता के खिलाफ 188 में मुकदमा दर्ज करें ।मुख्यमंत्री सोशल डिस्टेंसिंग का अनादर करने के लिए प्रदेश की जनता से खुद माफी मांगे ।पटवारी ने खुला आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हरकतें कोरोना से सहयोग करने की हैं और भविष्य में अगर कोरोना के मामलों में तेजी आएगी तो भारतीय जनता पार्टी द्वारा सोशल डिस्टेंस के नियमों का उल्लंघन करने के कारण ही आएगी।प्रदेश की जनता इसके लिये तैयार रहे।

पटवारी ने आबकारी दुकानों के संबंध में लिये गये ताजा निर्णयों को अपारदर्शी बताया और कहा कि इसमें सरकार गिराने का वजन हलका करने की बू आती है।

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