कर्नाटक में राजनीतिक संकट, सरकार बचाने के लिए दिल्ली से भेजे गए आजाद और वेणुगोपाल

 
नई दिल्ली 
लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मिले प्रचंड जनादेश के बाद कांग्रेस के भीतर भारी उथल-पुथल देखी जा रही है। एक तरफ पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने के मूड में हैं तो वहीं राज्यों में वरिष्ठ नेताओं की जवाबदेही तय करने की मांग हो रही है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में सियासी हलचल के बीच कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) के साथ चल रही कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दोनों सहयोगी दलों के बीच दरार पड़ने की खबरों के बीच अपने किले को बचाने के लिए दिल्ली से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और राज्य के प्रभारी केसी वेणुगोपाल को बेंगलुरु भेजा गया है।  

दरअसल, कांग्रेस पार्टी के भीतर से विरोध के सुर उठने लगे हैं। पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष के बीच गठबंधन नेताओं को डर है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित बीजेपी कुछ विधायकों को खरीद सकती है। बीते रविवार को ही पार्टी के दो विधायकों ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता एसएम कृष्णा के बेंगलुरु स्थित घर पर उनसे मुलाकात की थी। 

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-जेडीएस को 1-1 सीट 
वैसे तो, इस दक्षिणी राज्य में गठबंधन सरकार बनने के बाद से ही इसके गिरने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस और जेडीएस को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि राज्य सरकार 10 जून के बाद गिर जाएगी। आपको बता दें कि आम चुनावों में दोनों पार्टियों को कर्नाटक में मात्र 1-1 सीट मिली। कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 25 सीटें झटक लीं और एक निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुआ। 
कांग्रेस के दो विधायक- राजेश और सुधाकर ने कृष्णा के घर पर बीजेपी के नेताओं से मुलाकात की थी। हालांकि बाद में उन्होंने दावा किया था कि यह मुलाकात राजनीतिक नहीं थी पर इसके बाद राज्य सरकार के जल्द गिरने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया। 

बुधवार को कांग्रेस की अहम बैठक 
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से जा रहे कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेता राज्य सरकार के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर संकट को दूर करने का प्रयास करेंगे। खबर है कि पार्टी की स्टेट यूनिट ने 29 मई को कांग्रेस विधायी दल की बैठक बुलाई है। 

विधानसभा में स्थिति 
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले ही बीजेपी नेता कह रहे थे कि 23 मई के बाद कांग्रेस-JDS की सरकार चली जाएगी। 225 विधानसभा सीटों वाली राज्य विधानसभा में बीजेपी के 105 सदस्य हैं और वह सबसे बड़ी पार्टी है। हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 सदस्य हैं जिसमें कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37 और बीएसपी के एक विधायक शामिल हैं। 
 

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