भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मंदिर परिसर में ही, आज सुबह से ही यात्रा से जुड़े अनुष्ठान भी शुरु 

अहमदाबाद 
 ऐतिहासिक और धार्मिक पंरपरा की पहचान पुरी की रथयात्रा कोरोना संकट के दौर में भी नहीं थमेगी. कल सुप्रीम कोर्ट ने रथयात्रा की इजाजत दे दी, लेकिन कड़ी शर्तों के साथ. आज सुबह से ही यात्रा से जुड़े अनुष्ठान भी शुरु हो चुके हैं. वहीं, अहमदाबाद में आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा मंदिर परिसर में ही शुरू हुई.

इधर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दी और उधर जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ पुरी गूंज उठा. सेवादारों ने तीनों रथ खींचकर मुख्य मंदिर तक पहुंचाए और रथयात्रा की तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू हो गई. सुप्रीम कोर्ट ने यात्रा के ठीक एक दिन पहले हुई सुनवाई में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर कोरोना संक्रमण के चलते लगी रोक हटा ली, लेकिन कड़ी शर्तों के साथ.
 
आज भी हर साल की तरह पुरी में रथयात्रा निकलेगी, लेकिन नजारा बेहद अलग होगा. न पहले जैसी भीड़ होगी, दूसरी जगहों से पुरी में भक्तों की आवाजाही. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सोमवार रात 9 बजे से ही पुरी में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो बुधवार दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगा, इस दौरान किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है.

गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर मना जाता है. यहां भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं. इसके बाद वापसी की यात्रा शुरु होती है. ओडिशा में पुरी के अलावा भी कई जगहों पर ऐसी यात्राएं आयोजित की जाती हैं. अहमदाबाद में भी रथयात्रा निकलती है. आज गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोने के झाड़ू से झाड़ू लगाकर रथ खींचा.

हालांकि रथयात्रा मंदिर परिसर से बाहर नहीं निकलेगी. चंद भक्तों के बीच सुबह 4 बजे मंगला आरती और दर्शन शुरू हुए. भगवान जगन्नाथ को रथ में बिठाकर पूरे दिन भक्त मंदिर परिसर में ही दर्शन कर सकेंगे. सिर्फ 10 लोगों को एक साथ मंदिर परिसर में आने की इजाजत मिलेगी. सोशल डिस्टेंसिंग और थर्मल चेकिंग के बाद भक्तों को मंदिर में आने दिया जाएगा.
 

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