बुंदेलखंड व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माणकर्ताओं को मंजूरी, 60 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार

लखनऊ
 विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माणकर्ताओं को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बुंदेलखंड के छह पैकेजों के निर्माण के लिए चार, जबकि गोरखपुर के लिए दो एजेंसियों का चयन किया गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद 50 हजार और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे से 10 हजार लोगों के रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में सोमवार को संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 13 प्रस्तावों पर मुहर लगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तथा खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने फैसलों की जानकारी दी। बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) पद्धति पर सबसे कम खर्च में पूरा करने वाली कंपनियों को दिया गया है। दोनों परियोजनाओं का निर्माण करीब 36 माह मेें पूरा होना है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के क्रियान्वयन, निर्माण की निगरानी आदि कार्यों के लिए तकनीकी स्टाफ रखे जाने की प्रक्रिया पर भी कैबिनेट ने सहमति दे दी है।

चार कंपनियों को बुंदेलखंड का छह पैकेज

बुंदेलखंड परियोजना के पैकेज एक और दो के लिए मेसर्स एप्को इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, पैकेज तीन के लिए अशोका बिल्डकान लिमिटेड, चौथे और पांचवें के लिए मेसर्स गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और छठे के लिए दिलीप बिल्डकान लिमिटेड का चयन किया गया है। इस परियोजना के निर्माण कार्य की लागत 14849.09 करोड़ रुपये है। इसके लिए बैंकों से सात हजार करोड़ रुपये कर्ज लिये जाएंगे। भूमि के लिए कुल 2202.38 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमानित है। इसके सापेक्ष शासन ने 2157 करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिये हैं। इस परियोजना की 94 फीसद जमीन अधिग्रहीत कर ली गई है।

दो कंपनियों को मिला गोरखपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य

गोरखपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण के पैकेज एक के लिए मेसर्स एप्को इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और दूसरे के लिए मेसर्स दिलीप बिल्डकान लिमिटेड का चयन किया गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण की लागत 5876.68 करोड़ रुपये है। इसके लिए विभिन्न बैंकों से 2275 करोड़ रुपये कर्ज लिये जायेंगे। जमीन के लिए 1563.90 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमानित है जिसके सापेक्ष शासन ने 940 करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिये हैं। इस भूमि के लिए अभी 623.90 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

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