23 साल बाद सूरजकुंड मेले में नजर आएंगे मैक्लॉडगंज और मनाली

 
फरीदाबाद

35वें इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में 23 साल बाद मैक्लॉडगंज और मनाली नजर आएंगे। इन पर्यटन स्थलों के दर्शन इस बार लोगों को यहां अरावली की वादियों में ही हो जाएंगे। हरियाणा पर्यटन विभाग ने अगले साल आयोजित होने वाले सूरजकुंड मेले में हिमाचल प्रदेश को थीम स्टेट बनाया गया है। वहीं कंट्री पार्टनर के रूप में उज्बेकिस्तान को शामिल किया गया है। थीम स्टेट तय होने के बाद अब पर्यटन विभाग मेले की तैयारियों में जुट गया है। मेला 1 फरवरी से 17 फरवरी तक चलेगा।

1996 में हिमाचल को बनाया गया था थीम स्टेट
सूरजकुंड मेले में हिमाचल को 1996 में थीम स्टेट बनाया गया था। इसके बाद 2020 में आयोजित होने वाले मेले के लिए हिमाचल को थीम स्टेट बनाया गया था। हरियाणा पर्यटन विभाग के अनुसार मेला परिसर को पूरी तरह से हिमाचल के रंग में रंगा जाएगा। अपना घर में हिमाचल राज्य से एक परिवार आकर ठहरेगा, जो अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करेगा। पर्यटन विभाग के आर्किटेक्ट के अनुसार हिमाचल के कलाकार आकर मेला परिसर को सजाने का काम करेंगे। वहीं मेले में कंट्री पार्टनर उज्बेकिस्तान की संस्कृति भी नजर आएगी।
"इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले के लिए साल 2020 में हिमाचल को थीम स्टेट बनाया गया है। जल्द ही मेले की तैयारियों को लेकर काम शुरू कर दिया जाएगा। मेले को पूरी तरह से हिमाचल और उज्बेकिस्तान की संस्कृति से रंगा जाएगा।"
-राजेश जून, मेला अधिकारी, इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेला

अलग-अलग पर्यटन स्थल बनाए जाएंगे
हिमाचल की पहचान दुनिया भर में अपने पर्यटन स्थलों के लिए है। यहां पर दुनिया भर से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। ऐसे में मेले में हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों को प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। विभाग के सूत्रों के अनुसार पूरे मेला परिसर में हिमाचल के 10 से अधिक पर्यटन स्थलों को तैयार किया जाएगा। इन पर्यटन स्थलों में मैक्लॉडगंज और मनाली प्रमुख रूप से शामिल होंगे। मैक्लॉडगंज में प्रति वर्ष एक लाख से भी अधिक पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं। इसके अलावा चंबा घाटी, कुल्लू मनाली, धर्मशाला, कांगड़ा भी प्रदर्शित किए जाएंगे।

पहाड़ी लोकनृत्य भी आएंगे लोगों कों नजर
हिमाचल के पहाड़ी लोकनृत्य भी काफी प्रसिद्ध है। मेले की चौपाल पर हिमाचल के पहाड़ी लोकनृत्य कलाकारों द्वारा पेश किए जाएंगे। हिमाचल के नाटी, कथड़ी, घुघटी, बिड़सु, दानव नृत्य, बाक्यांग, कायांग, बानाचंयु पहाड़ी नृत्य किए जाते हैं। ये सभी नृत्य लोकसंस्कृति से जुड़े हुए हैं। खुशी के अलग-अलग मौकों पर इन नृत्यों को पेश किया जाता है। वहीं हिमाचल के 20 से अधिक तरह के खानपान की स्टाल मेले में लगाई जाएगी। ताकि दुनिया भर से आने वाले पर्यटक वहां का स्थानीय खानपान का स्वाद भी ले सके।
 

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