बीयू में ड्रायवर कर रहे पेट्रोल-डीजल घोटाला, पम्प पर सेटिंग कर ले रहे नगद रुपये

भोपाल

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के वाहनों डीजल-पेट्रोल में काफी फर्जीवाड़ा चल रहा है। वाहन सेल प्रभारी यशवंत पटेल फर्जीवाड़े को अनदेखा कर रहे हैं। बीयू के 16 वाहन में एक-एक ड्रायवर पदस्थ है। वे अपनी मनमर्जी पर आमाद हैं। इसलिए रजिस्टर में उनका लेखा जोखा भी दर्ज नहीं हो रहा है। 

बीयू में वाहन सेल प्रभारी पटेल पेट्रोल और डीजल की पर्ची काटकर ड्रायवर को दे देते हैं। वे वाहनों में सही मात्रा में डीजल और पेट्रोल भरा रहे हैं या नहीं। इसकी निगरानी करने वाला कोई बीयू में कोई नहीं हैं। इसका वे भरपूर फायदा उठा रहे हैं। इसके कारण फर्जीवाड़े का पारा ऊपर चढ़ता जा रहा है। डिप्टी रजिस्ट्रार पटेल की अनदेखी के कारण ड्रायवर मनमर्जी पर आमाद हो गए हैं। डीआर पटेल 55 से 65 लीटर डीजल और पेट्रोल पर्ची की ड्रायवर को देते हैं। ड्रायवर पर्ची को लेकर पेट्रोल पंर पहुंचता है। वह वाहन में तीस लीटर पेट्रोल व डीजल डलवाता है। शेष डीजल की राशि वह पेट्रोल पंप से नगद में लेता है। ऐसा करने पर पेट्रोल पंपर के व्यक्ति को दस रूपए प्रति लीटर का फायदा होता है, जिसके कारण वह उनके घोटाले में अपनी भूमिका भी अदा कर रहे हैं। ये पूरा फर्जीवाड़ा पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो रहा है। 

रजिस्टर पर नहीं करते एंट्री  

गाड़ी में आयल लेने की एंट्री रजिस्टर पर लंबे समय से बंद है। गांडी नंबर एमपी 04 जीए 7946 के ड्राइवर ने आठ लीटर आयल लिया, लेकिन उसे गाड़ी में नहीं डाला गया। सर्विंग के लिए गए डीजल की एंट्री रजिस्टर में नहीं है। आयल बदलने के साथ वाहन में आयल, डीजल और एयर फिलटर भी बदले जाते हैं। ड्रायवर ने आयल का बिल तो लगा दिया, लेकिन वह तीनों फिल्टर के बिल नहीं लगा सका, जो फर्जीवाड़े का खुलासा करता है। ड्रायवर ने फर्जी बिल लगाकर पेट्रोल पंप से आयल के एवज में रूपए वसूल लिए हैं।

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