बिना परीक्षा के बढ़ रहे बिल
सेमेस्टर परीक्षाओं के दौरान 15 दिनों के हिसाब से वाहन के डीजल पेट्रोल के दो लाख रुपए तक के बिल आते थे। वर्तमान में परीक्षाएं भी नहीं चल रही हैं, जिसके बाद भी दो लाख से ज्यादा के बिल बीयू में प्रस्तुत हो रहे हैं। वहीं एम्बुलेंस की चाबी चार ड्रायवर के पास रहती है। इसमें बीस दिन में तीस लीटर पेट्रोल लिया जा रहा है। जबकि एम्बुलेंस ज्यादातर समय खड़ी ही रहती है। एम्बुलेंस कहां और किसके लिए जा रही है। बीयू में इसका हिसाब किताब किसी के पास नहीं हैं। जबकि उसके बिल बीयू पहुंच गए हैं।
एजी ग्वालियर को भी किया नजरअंदाज
नियंत्रक महालेख परीक्षक ग्वालियर ने अपने निरीक्षण के दौरान कहा बीयू को निर्देशित कर चुका है कि सभी वाहनों का एवरेज चैक किया जाए। एवरेज चैक होने का कार्य करीब एक साल से बंद पड़ा हुआ है। रजिस्टर पर भी उनका एजरेज नहीं दर्ज किया जा रहा है। इससे एजी ग्वालियर के निर्देश भी बीयू में हवा होते दिखाई दे रहे हैं।
वर्जन
वर्जन इस संबंध की मुझे खासी जानकारी नहीं हैं। ड्राइवर कुछ ऐसा करते हैं, तो उसका परीक्षण कराकर कार्रवाई की जाएगी।
आरजे राव
कुलपति, बीयू
पेट्रोल और डीजल की पर्ची देते समय उस पर ड्रायवर के हस्ताक्षर लेता हूं। रजिस्टर में कुछ अनियमितताएं पाई गई हैं, जिसकी परीक्षण किया जा रहा है।
यशवंत पटेल
प्रभारी रजिस्ट्रार, बीयू