बीयू का कारनामा: एमएड परीक्षा में बांट दिया पिछले साल का पेपर 

भोपाल 
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में मास्टर आफ एजुकेशन (एमएड) की सत्र 2014-15 की परीक्षा कल से लेना शुरू किया है। परीक्षा के पहले दिन ही बीयू की बड़े स्तर की गलती उजागर हुई है। परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को गत वर्ष का पेपर बांट दिया गया है। ये गलती पेपर पर प्रिंट वर्ष से हुई है। चौकाने वाली बात ये है कि एमएड का पेपर किसी प्रोफेसर ने तैयार नहीं किया है। 

एमएड सत्र 2014-15 की परीक्षा लेने के लिए हाईकोर्ट ने निर्देशित किया है। हाईकोर्ट के आदेश पर होने वाली परीक्षा में बीयू ने लापरवाही बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। एमएड के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में 28 मई से शुरू हुई है। पहला पेपर फिलासिफिकल एंड सोशलाजीकल फाउंडेशन आफ एजुकेशन का था। परीक्षा के लिए बीयू ने हमीदिया, पीजीबीटी, सीहोर, नर्मदा कालेज होशंगाबाद और एमजीएस कालेज इटारसी को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इसमें विद्यार्थी को गत वर्ष एमएड प्रथम सेमेस्टर के फिलासिफिकल परस्पेक्टिव का पूरा पेपर दे दिया। दोनों पेपर में सिर्फ विषय के टाइटल में तनिक अंतर रखा गया है। पेपर में पूछ गए सभी पांच प्रश्न पिछले साल 2018 में आयोजित परीक्षा के हैं। 

प्रोफेसर ने तैयार नहीं किए पेपर 
बीयू ने एमएड की परीक्षा के लिएकिसी प्रोफेसर से पेपर तैयार नहीं कराए हैं। बल्कि बीयू ने पिछले साल के पेपर को उटाकर एक क्लर्क के तैयार कराकर प्रकाशित करने के लिए दे दिए हैं। क्लर्क पेपर का वर्ष 2018 बदलना भूल गया है। इसके कारण पेपर की गड़बड़ी उजागर हो गई है। अब अगला पेपर फिलासिफिकल फाउंडेशन आफ एजुकेशन का तीस मई को रखा गया है। अब इस पेपर को भी संदेह की नजर से देखा जा रहा है। 
 

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