बीमार पिता के बेटे को ऐसे फंसाया, वाहवाही के लिए पुलिस ने रची झूठी कहानी

 आगरा 
कार का शीशा तोड़कर 15 लाख रुपये चोरी करने के मामले में पुलिस के गुडवर्क की अदालत में हवा निकल गई। थाना सदर पुलिस ने 27 मई की घटना में जिन आरोपियों को वारदात में शामिल दिखाया, उन्हें पुलिस 23 मई को ही जेल भेज चुकी थी। अदालत ने आरोपित दीपेंद्र उर्फ चिंकी व मंगल द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र मंजूर करने के आदेश दिए।

वादी हाकिम सिंह ने थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज कराया था कि उसने बेटी की शादी के खर्चे के लिए बैंक से 15 लाख रुपये निकाले थे। 27 मई को कार खड़ी करके बस के साथ चला गया था। 20 मिनट बाद लौटे तो कार के पीछे का शीशा टूटा था। उसमें रखे बैग में से रुपये, पासबुक कोई ले गया। 23 मई को पुलिस ने चेकिंग के दौरान दो व्यक्तियों को पकड़ा था।

आरोपितों के पास से चेक बुक व 42 हजार से अधिक की नगदी व नशीला पाउडर बरामद हुआ था। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता विमल बघेल ने तर्क दिए कि पुलिस ने झूठी बरामदगी दर्शायी है। जो पैसे बरामद दिखाए हैं,वह आरोपित के पिता के इलाज के लिए थे। मंगल के पिता अस्पताल में भर्ती थे। मेरठ से एसओजी उन्हें उठाकर लाई थी।

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