टाटा को दी जमीन राहुल ने किसानों को लौटाई, कहा-बस्तर ने इतिहास रचा
जगदलपुर
छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव ने सियासत के कई मायने बदल दिए है. पिछले साल 2018 के अंत में तीन राज्यों में हुए इस चुनाव में छत्तीसगढ़ ही शायद एक ऐसा लौता राज्य है जिसने थकी-हारी सी कांग्रेस को एक संजीवनी दी. भले ही राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस जीती है लेकिन छत्तीसगढ़ की जीत के मायने कांग्रेस के लिए काफी अलग है. सूबे की 90 में से 6 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की. अब इस जीत को लोकसभा चुनाव में भी दोहराना कांग्रेस चाह रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद बस्तर से चुनावी शंखनाद करने शनिवार को आ रहे है. बस्तर में किसानों की जमीन वापस कर उन्हे पट्टों का वितरण राहुल गांधी करेंगे. राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे है.
क्या है राहुल गांधी के दौरे के मायने:
विधानसभा चुनाव में जिस प्लानिंग से कांग्रेस चुनावी मैदान में उतरी थी ठीक इसी तर्ज पर इस बार भी कांग्रेस फुल प्रूफ प्लानिंग के साथ लोगों के बीच अपने मुद्दे लेकर लोकसभा चुनाव में भी उतरेगी. विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और जीत दिलाई. उसे भरोसे को फिर भुनाने की कोशिश कांग्रेस कर रही है.यही वजह है कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बार-बार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं और जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे है.
बता दें कि सूबे में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राहुल गांधी का 16 फरवरी को ये तीसरा दौरा होगा. शनिवार को राहुल गांधी बस्तर में जनसभा को संबोधित करेंगे और किसानों को उनकी जमीन वापस लौटाएंगे. बस्तर लोकसभा में लोकसभा की दो सीटें है, कांकेर और बस्तर. लेकिन राजनीतिक मायनों में हमेशा से ही बस्तर काफी अहम रहा है. ये वही जगह है जहां से राजनीतिक दल अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते आए है. बस्तर एक आदिवासी बाहुल्य संभाग है. यहां की जीत का असर बाकी के आदिवासी इलाकों पर भी पड़ता है. लोकसभा में जीत के लिए कांग्रेस अब आदिवासी और किसानों के बीच अपना सिक्का जमाना चाहती है. किसानों को जमीन वापस कर उनके बीच पैंठ जमाने और उनको साधने की कोशिश कांग्रेस कर रही है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रमुख मुद्दों में से एक किसान रहे है. कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली जीत का एक कारण किसानों को मानती आ रही है. लोकसभा में भी फोकस किसानों पर ही है. किसानों ने भी कहीं न कहीं कांग्रेस का साथ विधानसभा चुनाव में दिया. अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छत्तीसगढ़ में बढ़त बना लेती है तो इसका मेसेज सूबे में ही नहीं लेकिन पूरे देश में जाएगा की कांग्रेस किसानों के साथ है. लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने अब कांग्रेस किसानों पर पूरी तरह से फोकस कर रही है. सत्ता में आते ही कांग्रेस ने कर्जमाफी के साथ समर्थन मूल्य में धान खरीदी के फैसले से किसानों को साधने की कोशिश कर चुकी है. कांग्रेस के इस कदन ने भाजपा को चुनवी मैदान में एक तरीके से पीछे धकेल दिया है. अब ऐसी स्थिति में किसानों को नजरअंदाज करने काफी नुकसान दायक साबित हो सकता है.