बीते 10 साल में सबसे ज्यादा गर्म रहा शुक्रवार, तापमान 46 डिग्री पहुंचा

कवर्धा
 जिले में भीषण गर्मी के तल्ख तेवर बरकरार है। शुक्रवार को सूर्य देव के प्रकोप ने लोगों को परेशान किया। दिन चढ़ने के साथ ही भीषण गर्मी का सितम शुरू हो गया। दोपहर में तो गर्मी का असर अपने चरम पर रहा। गर्मी से बचने के लिए लोग तरह तरह के जतन करते दिखाई दिए। शुक्रवार को बीते 10 वर्ष में सबसे ज्यादा तापमान था। शुक्रवार को शहर का तापमान 46 डिग्री पहुंच गया। आने वाले समय में इसी तरह की मौसम रहने की संभावना बताई जा रही है।

मौसम के तल्ख तेवर से लोगों की शहर के मुख्य चौराहों व सार्वजनिक रास्तों पर आवाजाही कम नजर आई। सुबह से ही गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। सूरज की गर्म किरणें बदन में चुभने लगीं। तपिश से आम जनमानस बुरी तरह बेहाल नजर आया।

प्रमुख बाजार व चौराहों पर सन्नाटा पसरा

दोपहर होते-होते तापमान में भारी बढोत्तरी दर्ज की गई। आलम यह रहा कि तेज धूप के साथ लू के गर्म थपेड़ों ने मुसीबत और बढ़ा दी। भीषण गर्मी से बेचैन लोग बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। इसके चलते दोपहर को शहर की प्रमुख बाजार व चौराहों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दिया।

पंखे व कूलर भी गर्मी के सितम से राहत पहुंचाने में नाकाम साबित हुए। देर शाम तक गर्मी के तेवर बरकरार रहे। जिससे लोगों का बदन पसीने से तरबतर होता रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गुरुवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। गर्मी से राहत मिलने के आसार फिलहाल नही हैं।

लू के मरीज भी अस्पताल पहुंचने लगे

भीषण गर्मी के कारण दोहपर में गर्म हवा चल रही है। ऐसे में गर्म हवा लू के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले के सरकारी अस्पतालों में लू के मरीज पहुंचने लगे है। सीएमएचओ डॉ.केके गजभिए ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतलों में पूर्ण मात्रा में पहुंचाई जा चुकी है। अस्पतालों में गर्मी से बचने के लिए प्रबंध किए जा रहे है।

रोजमर्रे का कार्य हुआ प्रभावित

चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से आमजन की परेशानी बढ़ती जा रही है। जिसका प्रतिकूल असर अब रोजमर्रे के कार्यों पर पड़ने लगा है। किसानों को सिंचाई की तो छात्रों को पढ़ाई की चिंता सताने लगी है। जहां सूर्य की पौ फटने साथ ही लोगों का घर से निकलना दुर्लभ हो रहा है।

भीषण गर्मी के कारण पानी की समस्या भी सामने आने लगी है। जिले के ज्यादातर ट्यूबवेल के वाटर लेवल कम हो गए है। इसे देखते हुए पीएचई विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की उचित व्यवस्था की जा रही है।

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