बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रो. जीडी अग्रवाल और कादर खान को भी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली

बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के भाषण के बाद भाजपा ने एक शोक प्रस्ताव पारित कर सामाजिक, राजनीतिक और कला जगत की दिवगंत हस्तियों को श्रद्धांजलि दी. बीजेपी ने दिल्ली के पूर्व सीएम मदन लाल खुराना, यूपी के पूर्व सीएम एनडी तिवारी, केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार, जय नारायण निषाद जैसे नेताओं को श्रद्धांजलि दी और राष्ट्र और समाज के निर्माण में योगदान को याद किया.

बीजेपी को याद आए गंगा पुत्र जीडी अग्रवाल

बीजेपी ने जिन हस्तियों को श्रद्धांजलि दी उनमें दो नाम काफी दिलचस्प हैं. ये दो नाम हैं पर्यावरणविद और गंगा की स्वच्छता के लिए अभियान चलाने वाले प्रोफेसर जीडी अग्रवाल और मशहूर अभिनेता कादर खान. माना जाता है कि ये 2 शख्सियतें ऐसी थीं जो जब तक जीवित रहीं उपेक्षा की शिकार रहीं. गंगा की निर्मलता के लिए आंदोलन करने वाले जीडी अग्रवाल तो पीएम नरेंद्र मोदी को लगातार चिट्ठी लिखते रहे, लेकिन उनकी फरियाद पर सुनवाई तो दूर, पीएम ऑफिस और दूसरे मंत्रियों की ओर से उन्हें कभी भी ढाढ़स बंधाने वाला ऐसा कोई जवाब नहीं आया, जिसे लेकर वे गंगा की अविरलता को लेकर आश्वस्त हो सकें. आखिरकार 111 दिनों के अनशन के बाद 11 अक्टूबर 2018 को उनका निधन हो गया.

जीडी अग्रवाल को श्रद्धांजलि देते हुए बीजेपी नेता अरुण सिंह ने कहा कि पर्यावरण और स्वच्छ गंगा मिशन के काम करने वाले डॉ. जी. डी. अग्रवाल हमारे बीच नहीं रहे, पार्टी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है. स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के नाम से प्रसिद्ध जी. डी. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी आखिरी चिट्ठी में उनसे गंगा की स्वच्छता को लेकर अविलंब कदम उठाने को कहा था. जी. डी. अग्रवाल ने पीएम की जवाबी चिट्ठी का इतंजार करते-करते प्राण त्याग दिए.

अभिनेता कादर खान को बीजेपी की श्रद्धांजलि

बीजेपी ने अपने शोक प्रस्ताव में दिग्गज अभिनेता कादर खान का भी नाम लिया और एक मिनट मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. यह एक विडंबना है कि कादर अपने जीवन काल में सरकारी उपेक्षा के शिकार रहे. कादर खान की ये कसक साल 2016 में सामने आई थी.  2016 में एक इंटरव्यू में जब उनसे पद्म पुरस्कार नहीं मिलने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि उन्हें बहुत खुशी है कि उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिला है. तब कादर खान ने कहा था कि पहले तो इन पुरस्कारों को देने में कुछ ईमानदारी बरती जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा.

जब उनसे अनुपम खेर को पद्म पुरस्कार मिलने पर प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिये इंटरव्यू में कहा था, "उन्होंने (अनुपम खेर) प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का गुणगान करने के अलावा और क्या किया है, मैं सरकार के फैसले का विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं सिर्फ ये जानना चाहता हूं कि आखिर मेरे अंदर क्या कमी है."

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