बीएससी नर्सिंग में प्रवेश का झांसा देने वाले दो जालसाज गिरफ्तार

रायपुर
छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल के नाम पर बीएससी नर्सिंग में प्रवेश दिलाने के नाम पर स्टूडेंट्स को झांसा देने वाली बिहारी गिरोह के दो सदस्यों को रायपुर पुलिस ने नालंदा अस्थावां के नोआमा गांव से गिरफ्तार किया है। आरोपी गिरोह के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद फरारी काट रहे थे।

छत्तीसगढ़ और बिहार पुलिस ने नोआमा में 3 दिन की रेकी करने के बाद ज्वाइंट ऑपरेशन के जरिए आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों का नाम नीतीश कुमार और सोनू कुमार बताया जा रहा है। दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर रायपुर पहुंची पुलिस पूरे मामले के मास्टरमाइंड से पूछताछ करेगी।

12 जुलाई को छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल के सलाहकार डॉ प्रदीप चौबे ने आरोपियों की शिकायत की थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि 16 जून 2019 को बीएससी नर्सिंग प्रवेश का एंट्रेंस एग्जाम व्यापमं ने लिया है।

व्यापमं  के नाम का इस्तेमाल करके कुछ लोग नर्सिंग स्टूडेंट से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें प्रवेश देने का झांसा दे रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने बिहार के नवादा जिले से सीजन कुमार एवं संदीप सोनू को पकड़ा।

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने गिरोह के सदस्य सुजीत कुमार का नाम बताया। सुजीत को पुलिस ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार किया। सुजीत की गिरफ्तारी के बाद पुलिसकर्मियों को नालंदा जिले के नोआमा गांव में रहने वाले नीतीश कुमार और सोनू कुमार का नाम बताया। रायपुर पुलिस ने नालंदा पुलिस की मदद से आरोपियों को मंगलवार को पकड़ा है।

किराए के खाते में रकम मंगवाते थे आरोपी
पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी गिरोह के लिए किराए में बैंक खाता जुगाड़ने का काम करते थे। आरोपी कमीशन का लालच देकर किराए में खाता लेते थे और ठगी की रकम उसमें ट्रांसफर करवाते थे।

मोबाइल में मिला परीक्षार्थियों का डाटा
पुलिस ने आरोपियों के पास मोबाइल जब्त किया है। जब्त मोबाइल में स्टूडेंट्स का डाटा आरोपियों को पकड़ने गई टीम को मिला है। गिरोह के कई सदस्य हैं, जो पुलिस की गिरफ्तारी की डर की वजह से बिहार और नेपाल में छिपे हुए हैं।

हमारे पास से लीक नहीं हुए उम्मीदवारों की डिटेल
छत्तीसगढ़ व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक प्रदीप चौबे ने कहा कि हमारे पास एक भी छात्र का कोई भी विवरण उपलब्ध नहीं रहता है। इसलिए व्यापमं से किसी किस्म की जानकारी लीक होने की कोई संभावना नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि व्यापमं की परीक्षा में शामिल होने उम्मीदवारों के विवरण चिप्स के सर्वर पर उपलब्ध रहते हैं।

छत्तीसगढ़ पुलिस  को अब तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि इस गैंग को परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के डिटेल्स और उसके फोन नंबर कहां से मिलते थे। एसएसपी रायपुर आरिफ शेख ने कहा है कि हम जल्द से जल्द इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि छात्रों का डाटा इस गिरोह तक कैसे पहुंचा।

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