सिंधिया ने करवाया तबादला!, पटवारी ने ठोका केस
भोपाल
मध्यप्रदेश में कमल नाथ सरकार बनने के बाद से भाजपा लगातार सरकार पर तबादला उद्योग चलाने का आरोप लगा रही है। इन्हीं के बीच पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर एक पटवारी ने तबादला करवाने का आरोप लगाए जाने का मामला अब एकल पीठ से हाईकोर्ट की युगलपीठ में पहुंच गया है। बता दें कि मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले का है।
तबादला कराने का आरोप
पटवारी ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ प्रस्तुत अपील में कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीतिक पद का दुरुपयोग करते हुए उसका तबादला कराया है। इस मामले में कोर्ट ने भू-अभिलेख आयुक्त को तलब कर एक सप्ताह में तबादला नीति बताने को कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
पहली बार किसी नेता को बनाया गया पक्षकार
किसी सरकारी कर्मचारी के द्वारा तबादले को लेकर पहली बार किसी नेता को पक्षकार बनाया गया है। मध्यप्रदेश में शायद यह पहली बार है जब तबादला मामले में प्रदेश के किसी नेता को पक्षकार बनाया गया है।
क्या है मामला
पटवारी शिवराज तोमर शिवपुरी में पदस्थ बै। मार्च में शिवराज तोमर का तबादला करके मुरैना जिले के हल्का छौंदा से मजरा तहसील कर दिया था। पटवारी शिवराज तोमर ने तबादले को यह कहते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी है कि तत्कालीन गुना-शिवपुरी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनुशंसा पर उनका तबादला किया गया। यह नियम विरुद्ध और राजनीति से प्रेरित है। बता दें कि इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना चुनाव हार गए हैं।
कोर्ट ने सरकार से मांगा जबाव
हाईकोर्ट की युगलपीठ ने पटवारियों के स्थानांतरण को लेकर लैंड रिकार्ड के आयुक्त से जबाव मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि सरकार बताए कि स्थानांतरण किस आधार पर किए जाते हैं, उस पॉलिसी से कोर्ट को अवगत कराएं।