बिहार: हलो, हम रागिनी सखी बोलअई छिअई…, महिलाओं का ‘हलो सखी चेन’ गांवों में लोगों को कोरोना से बचा रहा
मुजफ्फरपुर
पूरा विश्व आज कोरोना महामारी से जूझ रहा है। आम-आवाम को इस महामारी के प्रति जागरूक करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर की दर्जनों ग्रामीण महिलाएं अपने ‘हलो सखी चेन’ के माध्यम से हर दिन सैकड़ों परिवारों को जागरूक कर रही हैं। अपने आसपास में उपलब्ध संसाधनों और तकनीक का इस्तेमाल करके ये ग्रामीण महिलाएं कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अपनी भूमिका निभा रही हैं।
गांव के लोगों को इस घातक बीमारी से बचाने और इसके प्रति जागरूक करने के लिए इन ग्रामीण महिलाओं ने ‘हलो सखी चेन’ बनाया है। खास बात यह है कि इसके माध्यम से इनकी पहुंच उन सुदूर देहाती इलाकों तक है जहां लोगों को समझाना मुश्किल हो रहा है। इस चेन के माध्यम से एक दिन में एक महिला 20-20 परिवारों का हालचाल ले रही है। इन महिलाओं ने मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका जैसी क्षेत्रीय भाषा में जागरूकता गीत भी बनाए हैं। इन गीतों के जरिये भी मोबाइल फोन से लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही हैं।
छह प्रखंडों में सक्रिय
मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां, मीनापुर, बंदरा समेत छह प्रखंडों में ये ग्रामीण महिलाएं सक्रिय हैं। हालचाल लेने के साथ ही ये महिलाएं बाहर से आने वाले पुरुषों को 14 दिन सोशल आइसोलेशन की भी सलाह दे रही हैं। कोरोना के लक्षण दिखने पर आशा कार्यकर्ता अथवा पंचायत प्रतिनिधियों के जरिये उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर भी पहुंचवा रही हैं।
शंका होने पर कर रहीं सजग
'हलो सखी चेन' शुरू करने वाली ज्योति महिला सामाख्या की पूनम कुमारी कहती हैं कि आज मोबाइल तकरीबन सबके पास है। इसलिए हमने इसे लॉकडाउन में कोरोना से लड़ने का साधन बनाया। ये महिलाएं अपने क्षेत्र के बारे में बेहतर जानती हैं। हर दिन एक महिला 20 परिवार तक पहुंच रही हैं। असर यह कि बाहर से आने वाले घरेलू लोगों को भी क्वारंटाइन सेंटर पर पहुंचना पड़ रहा है। माधोपुर की सीता, बोचहां की सुनीता, बंदरा की रागिनी समेत कई महिलाएं बतातीं हैं कि दिल्ली समेत अन्य राज्यों से जो भी आए हैं, उन्हें महिलाएं घर में नहीं रहने दे रही हैं।
हलो, हम रागिनी सखी बोलअई छिअई…
…हलो, हम रामपुरदयाल से रागिनी सखी बोलअई छिअई। कोरोना के बारे में अहां के पता हई न। एकरा से डरे क नई छई। …बाकी सावधानी करे क हई। घर से न निकलबअई। आ, सबसे बड़का बात ई कि अहा के ईहां जे मुल्क से बाहर से अईलन ह, चाहे ऊ पति हई, बेटा आ चाहे भाई, उन्हका से 14 दिन तक मिले क न हई। एसअईन कोई बाहर से अएलन ह त बताऊ…। -यह कोई कॉलर ट्यून नहीं है। ग्रामीण महिलाओं की जानकारी लेकर उन्हें जागरूक करने का काम करने वाली देहाती क्षेत्र की महिलाओं की एक नई पहल की बानगी है।