बिहार: चमकी बुखार के खिलाफ प्रदर्शन ‘जुर्म’, 39 लोगों पर केस दर्ज

वैशाली
अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारण बिहार में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। अस्पतालों में सुविधाओं की कमी है और राज्य सरकार के स्तर पर फिलहाल जो प्रयास हुए भी हैं, वे नाकाफी हैं। इन सबके बीच नेताओं के बयानों ने भी पीड़ितों का दर्द और बढ़ाया है और अब जिला प्रशासन ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिस पर चौतरफा सवाल उठ रहे हैं। जिला प्रशासन ने बच्चों की मौत और जल आपूर्ति को लेकर प्रदर्शन कर रहे 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

दरअसल, एईएस के कारण बच्चों की मौत और जल आपूर्ति में कमी को लेकर वैशाली जिले के हरिवंशपुर में लोग सड़क पर उतर आए थे। लोगों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और जल आपूर्ति बेहतर करने और बीमारी के खिलाफ जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की। जिला प्रशासन ने इनकी मांगें तो नहीं मानीं, मगर प्रदर्शन कर रहे 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर जरूर दर्ज करा दी।

'बच्चे मर रहे, पानी है नहीं…विरोध ना करें तो क्या करें'
वैशाली जिले में जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई है, उनके रिश्तेदारों ने दो टूक कहा कि जब हमारे बच्चे मर रहे हैं और हमारे पास पीने का पानी तक नहीं है तो हम विरोध क्यों ना करें? कुछ रिश्तेदारों ने कहा, 'हमारे बच्चे मर रहे हैं। पानी नहीं है। हमने इसके खिलाफ रोड घेराव किया तो प्रशासन ने हम पर केस दर्ज कर दिया। केस दर्ज होने के बाद हमारे परिवारों के पुरुष गांव छोड़कर भाग गए हैं। घर में कमाने वाले वही थे और अब उनके नहीं होने से हमें और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।'

अब तक 152 मासूमों की मौत
बता दें कि एईएस के चलते बिहार में अब तक 152 मासूमों की मौत हो चुकी है। सिर्फ मुजफ्फरपुर में 131 बच्चों की मौत हो गई है, जिसमें से 111 बच्चे श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में काल के गाल में समा गए हैं। वहीं केजरीवाल अस्पताल में 20 बच्चों की मौत हो गई है। इन्सेफ्लाइटिस के चलते मौतों के पीछे मुख्य वजह कुपोषण और गरीबी भी बताई जा रही है। इसके लिए बिहार के आंगनबाड़ी केंद्रों की लापरवाही भी सवालों के घेरे में रही है।

अब कुपोषण से लड़ने के लिए सरकार ने कसी कमर
152 मौतों के बाद जागे बिहार राज्य सामाजिक कल्याण विभाग ने इंटीग्रेटेड चाइल्ड डिवेलपमेंट सर्विस (आईसीडीएस) स्कीम को अधिक बल देने का फैसला किया है। आईसीडीएस स्कीम दुनिया का सबसे बड़ा कम्यूनिटी बेस्ड प्रोग्राम है, जो 6 साल तक की उम्र के बच्चों के साथ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए है। इस स्कीम का लक्ष्य समुदाय के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के स्तर को सुधारना है। ये सेवाएं कम्युनिटी बेस्ड आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा दी जाती हैं।

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