बिजली बिल का भुगतान करना था 500, ऑनलाइन में कर डाले 50 हजार

बिलासपुर
पेंड्रा के कुकड़ई अड़भार में रहने वाले वाले एक व्यक्ति को अपनी एक छोटी सी गलती का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उसके मार्च महीने में बिजली बिल के रूप में 500 रुपए बिजली विभाग को देने थे। पर कैशलैस पेमेंट के चक्कर में उससे 50 हजार रुपए का भुगतान हो गया। अफसरों से पैसे मांगे तो उन्होंने साफतौर पर मना कर दिया। पीड़ित ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी। पीएमओ ऑफिस से मामले में निराकरण के लिए पत्र पहुंच गया है। पर अभी भी अफसर पैसे लौटाने को तैयार नहीं है। इसके कारण ही पीड़ित की परेशानी बरकरार है।  

पीड़ित पेंड्रा जिले के अड़भार का रहने वाला है। चिट्ठी में उसने अपना नाम बेदी प्रसाद गुप्ता बताया है। इसी दर्द को लिखते हुए उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्राचार किया है। उसने बताया है कि मार्च 2018 में उसे बिल के रूप में 500 रुपए जमा करना था। पर ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त कोड नंबर डालने के चक्कर में वह अमाउंट ज्यादा लिख  गया। और इसके कारण ही बिजली विभाग को 50 हजार रुपयों का भुगतान हो गया। वह तभी से विभागीय अधिकारियों से आग्रह कर रहा है कि चाहें तो वे पांच हजार रुपए रख लें। पर बाकी पैसे उसे लौटा दे। चूंकि रकम बड़ी और इससे ही परिवार चलता है।

 इसके कारण ही उसे परेशानी उठानी पड़ रही है। उसने प्रधानमंत्री को लिखा है कि वे मामले में अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश दें। ताकि उसे इस दिक्कत से राहत मिले। इसके उलट अभी तक उसकी समस्या जस की तस है। उसने इसके बारे में स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया है। पर यह सबकुछ भी है।

ये है नियम: कई औपचारिकताओं के बाद रिफंड होंगे पैसे : बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पैसे लौटाने का एक मात्र अधिकारी रीजनल अकाउंट के अफसर को होत है। जबकि उपभोक्ता से पैसे जमा कराने का अधिकारी इस विभाग के लिपिक तक को दिया गया है। इसी नियम के पेंच में फंसकर संबंधित व्यक्ति परेशान है। अब उसे पैसे रिफंड कराने के लिए रीजनल अकाउंट अफसर को पत्र लिखना होगा। बैंक की डिटेल देने होगी। शपथ पत्र के अलावा कई और औपचारिकताएं हैं। जिसे निभाना होगा। तक जाकर उसे उसे पैसे मिलेंगे। विभाग के जानकारों के मुताबिक किसी उपभोक्ता के पैसे को जबरिया रखने का अधिकारी विभागीय अधिकारियों के पास भी नहीं है।

बिजली विभाग में पैसा लौटाने का प्रावधान नहीं : राठौर
विभाग के सीबीएस राठौर का कहना है कि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में उनकी रीजनल अकाउंट अधिकारियों से बात हो चुकी है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि बिजली विभाग में पैसे लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए यह पैसे समायोजित होते रहेंगे। हालांकि उन्हें इसके ब्याज भी मिलेंगे। राठौर ने माना है कि कुकड़ई का पीड़ित व्यक्ति उनके पास आया है। उन्होंने उनके सामने ही आरओ से मामले में बात की है। उन्होंने साफतौर पर पैसे रिफंड करने से मना कर दिया है। इसके कारण ही परेशान व्यक्ति ने प्रधानमंत्री को खत लिखकर न्याय की मांग की है।

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