बालाघाट में नहीं मिला बेटी को टिकट, ढाल सिंह इसलिए बने पार्टी की पसंद

बालाघाट
बालाघाट सीट से बीजेपी ने बोध सिंह भगत का पत्ता काट कर ढाल सिंह बिसेन को टिकट दे दिया है. ढाल सिंह बीजेपी के पुराने कद्दावर नेता हैं और उमा भारती सरकार में मंत्री रह चुके हैं. हालांकि बालाघाट क्षेत्र में उनकी पकड़ मज़बूत नहीं हैं. सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ढाल सिंह बिसेन का मुकाबला कांग्रेस के मधु भगत से होगा.

बालाघाट से उन्हें टिकट मिलने की बड़ी वजह ये है कि इस क्षेत्र में पवार वोट ज़्यादा हैं और ढाल सिंह पवार जाति से ही हैं. वो शिवराज सरकार में मंत्री रहे गौरीशंक बिसेन के करीबी माने जाते हैं. हालांकि इस सीट से खुद बिसेन की बेटी मौसम बिसेन भी दावेदारों की कतार में थीं. लेकिन पार्टी ने वंशवाद के खिलाफ स्टैंड लेते हुए उन्हें टिकट नहीं दिया.

बालाघाट से लोकसभा टिकट के लिए मौसम बिसेन ने भोपाल का चक्कर काटा. पिछले हफ्ते हुई प्रदेश चुनाव समिति के दौरान वो अपना दावा जताने भोपाल आयी थीं.उधर ढाल सिंह बिसेन और पूर्व सांसद नीता पटेरिया दिल्ली में डेरा जमा हुए थे.

हालांकि ढाल सिंह खुद सक्रिय राजनीति से कई साल से दूर हैं. वो सिवनी के रहने वाले हैं. वो अभी 66 साल के हैं और ग्रेजुएट हैं.वो 2003 में उमा भारती के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं. लेकिन सिवनी की केवलारी सीट से दो बार चुनाव हार चुके हैं. हाल ही में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया था. बालाघाट पर बिसेन की ज़्यादा पकड़ नहीं है. मौजूदा सांसद बोध सिंह भगत का टिकट कटने के कारण उनके समर्थकों के विरोध का सामना भी बिसेन को करना पड़ेगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते है की ढाल सिंह बिसेन को जिताने की ज़िम्मेदारी पूर्व कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने ली है.

बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधान सभा सीटें आती हैं. 1998 से लगातार ये सीट भाजपा के पास है. 16 लाख से ज़्यादा मतदाता इस क्षेत्र में हैं. अगर जातिगत समीकरण पर ध्यान दें तो यहां–

सामान्य वर्ग के 13.4%
पिछड़ा वर्ग के 2%,
SC-ST – 55.7%
अल्पसंख्यक – 8.4%
और अन्य 6.7% मतदाता हैं.

बालाघाट सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ढाल सिंह बिसेन का मुकाबला कांग्रेस के मधु भगत से होगा.

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