बालाकोट में भारत द्वारा तबाह किए गए मदरसे के रहस्यों को सामने नहीं आने देना चाहता पाक

 
जाबा (पाकिस्तान) 

उत्तर पूर्वी पाकिस्तान की एक सुदूर पहाड़ी पर स्थित वह मदरसा, जिस पर इंडियन एयर फोर्स ने करीब 6 हफ्ते पहले एयर स्ट्राइक की थी, अब भी अपने राज खोलने को तैयार नहीं है। 
 
बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डे को इंडियन एयर फोर्स द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद पहली बार पाकिस्तानी अधिकारियों ने बुधवार को वहां तक पत्रकारों को वहां तक जाने दिया। विदेशी न्यूज संगठनों के लिए काम करने वाले पत्रकारों के एक समूह और इस्लामाबाद स्थित विदेशी राजनयिकों को वहां ले जाया गया। 

बीबीसी उर्दू के मुताबिक इस समूह को हेलिकॉप्टर के जरिए बालाकोट के जाबा ले जाया गया। वहां से करीब डेढ़ घंटे की चढ़ाई के बाद सभी पहाड़ी के टॉप पर स्थित मदरसे पर पहुंचे, जो चारो तरफ से हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ था। 

वहां जाने वालों में से ज्यादातर के मन में यह था कि इस दौरे से एयर स्ट्राइक के बारे में कई रहस्यों से पर्दा उठने में मदद मिलेगी। हालांकि डेढ़ घंटे की कठिन चढ़ाई के बाद मदरसे तक पहुंचने वाले पत्रकारों और राजनयिकों को उतना समय ही नहीं दिया गया कि वे किसी तरह का कोई आकलन कर सकें। 

इन पत्रकारों और राजनयिकों को मदरसे की मुख्य इमारत के आस-पास ही देखने दिया गया। दौरे का प्रबंध करने वाली पाकिस्तानी आर्मी ने पत्रकारों और राजनयिकों को वहां आधे घंटे से भी कम समय तक रुकने दिया। 

मदरसे में मौजूद टीचरों और करीब 100 बच्चों (जिनमें बच्चों से लेकर किशोर तक शामिल थे) के साथ भी ग्रुप की बातचीत बेहद सीमित रही। 

पत्रकारों और राजनयिकों को बच्चों के एक समूह को दिखाया गया जो कुरान की आयतों को याद कर रहे थे और अपने सिर को लय के साथ आगे और पीछे कर रहे थे। एक टीचर ने बताया कि वह मदरसे में करीब 6 सालों से काम कर रहे हैं। 

बहुत थोड़ा, बहुत देर 
राजनयिकों में से कम से कम 3 जो मुख्य तौर पर पश्चिमी देशों और मिडल ईस्ट से थे, ने कहा कि 6 हफ्ते की देरी और बहुत कम समय की वजह से किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। 

बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के सबसे बड़े आतंकी अड्डे को एयर स्ट्राइक से तबाह कर दिया था। 

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