बाजारों की सफाई पर होगी बेहतर रेटिंग, सभी दुकानों में डस्टबिन जरूरी

रायपुर
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की बेहतर रेटिंग के लिए रायपुर के बाजारों व उन को संचालित करने वाले एसोसिएशन व आम व्यवसायियों को आवश्यक सफाई व्यवस्था अनिवार्यत: सुनिश्चित करना होगा। नगर निगम कमिश्नर श्री शिव अनंत तायल ने सभी जोन कमिश्नर व स्वच्छता अमले से जुड़े अपने अधिकारी-कर्मचारियों से कहा है कि सभी बाजारों में आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें तथा सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था का शहर के स्वच्छता में अपना योगदान करने वाले व्यवसायियों, एसोसिएशन व बाजारों को चिन्हित करें। ऐसे बाजार जो सफाई की समुचित व्यवस्था में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके विरुद्ध  कार्यवाही भी होगी।

अपर आयुक्त श्री पुलक भट्टाचार्य के अनुसार सेक्टरों में विभक्त शहर में बाजारों की साफ-सफाई पर भी बेहतर रेटिंग का निर्धारण होगा। ऐसे मार्केट जहां के सभी दुकानों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन होता है वहां सौ फीसदी दुकानों से कचरा कलेक्शन पर 15 अंक, 90 फीसदी पर 12 अंक, 80 पर 10, 70 पर 6, 50 पर 3 एवं 50 फीसदी से कम होने पर शून्य अंक मिलेंगे। इसी तरह सभी सौ फीसदी व्यापारी यदि यूजर चार्ज देते हैं तो 15 अंक, 90 पर 12 अंक, 50 से कम पर 3 अंक दिए जाएंगे। इसी तरह सौ फीसदी दुकानों पर डस्टबिन पाए जाने पर 15 अंक,  90 पर 12, 80 पर 9, 70 पर 6, 50 पर 3 एवं किसी भी दुकान में डस्टबिन ना होने पर शून्य अंक दिए जाएंगे। किसी भी मार्केट के संपूर्ण स्वच्छता होने पर 10 अंक, 99 से 60 फीसदी साफ होने पर 8 अंक, 59 से 40 फीसदी पर 6 अंक और 39 से कम होने पर शून्य अंक मिलेंगे। इन बाजारों के व्यापारी आस-पास स्थित शौचालय का उपयोग करते हैं तो 15 अंक, 60 से 99 प्रतिशत करते हैं तो 10 अंक, 99 से 30 प्रतिशत करते हैं तो 5 अंक तथा 29 से कम शौचालय का उपयोग करने पर शून्य अंक दिए जाएंगे। इसी तरह सभी व्यापारी एवं कार्यरत कर्मचारी स्वच्छता एप डाउनलोड किए हैं तो 15 अंक, 90 से 60 तो 10 अंक, 59 से 30 प्रतिशत किए हो तो 5 और 30 से कम पर शून्य दिए जाएंगे। स्वच्छता संबंधी नारों का लेखन बाजार परिसर में 10 स्थानों पर पाए जाने पर 15 अंक, 7 स्थानों पर पाए जाने पर 10 अंक, 5 स्थानों पर पाए जाने पर 5 तथा 4 से कम पाए जाने पर शून्य अंक दिए जाएंगे। निगम के मैदानी अमले से कहा गया है कि रैंकिंग के लिए संबंधित दस्तावेज भी प्राप्त करें व साथ ही व्यवसायियों को इसकी उपयोगिता व अनिवार्यता के संबंध में जागरूक करें।

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