बांग्लादेश से आते थे डकैती डालने, दिल्ली पुलिस ने 3 को किया अरेस्ट

 नई दिल्ली
तीन बांग्लादेशी नागरिक भारत में डकैती की वारदात को अंजाम दे रहे थे। वह देश के कई राज्यों में सक्रिय थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीन डकैतों को दबोचकर इस गैंग का भंडाफोड़ किया है। इनसे चार जिंदा कारतूस समेत दो देशी कट्टे और दो बांग्लादेशी पासपोर्ट रिकवर किए हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से छह मामले सुलझाने का दावा किया है।

 

डीसीपी (क्राइम) डॉ. जी राम गोपाल नाइक ने बताया कि कमरूल उर्फ कमाल (42) इनका लीडर था। वह शहीदुल इस्लाम उर्फ अबु शाहिद (38) और नजरुल (36) समेत गैंग के अन्य मेंबरों के साथ देशभर में डकैती की वारदात को अंजाम देते थे। इसके बाद बांग्लादेश भाग जाते थे और मामला ठंडा पड़ने पर कुछ दिन बाद फिर लौट आते थे। छानबीन में इनके कई मामलों में शामिल होने की बात सामने आई है।

देश के महानगरों में पिछले सात-आठ सालों में डकैती की कई वारदातें सामने आईं। गैंग के मेंबर विंडो को काटकर घरों में एंट्री करते थे। गन पॉइंट और चाकू के बल पर घर के मेंबरों को काबू में कर वारदात को अंजाम देते थे। गैंग के लोग घर के लोगों को बेडशीट या चुन्नी से बांध देते थे। विरोध करने वालों का कर देते थे मर्डर। इन सभी मामलों में पुलिस को कोई भी क्लू नहीं मिला था, इसलिए एसटीएफ ने इसकी छानबीन शुरू की।

एसीपी पंकज सिंह की अगुवाई में बांग्लादेशी क्रिमिनल्स पर विस्तार से काम किया गया। मुखबिरों का जाल बिछाया और टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली गई। इस दौरान कमरूल उर्फ कमाल के गैंग के भारत में ऐक्टिव होने की खबर मिली, जो पहले भी कई संगीन अपराधों में शामिल रहा है। सराय काले खां में उनकी मूवमेंट मिली तो इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह की टीम ने रात 9 बजे तीनों को धर दबोचा। तीनों को कई केसों में दोषी ठहराया जा चुका है और पांच से सात साल तक जेल में रहे हैं। इन पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।

दो गैंग मेंबर पासपोर्ट से आए थे, जबकि नजरूल ने एजेंट को पांच हजार रुपये देकर अवैध रूप से भारत में एंट्री की थी।

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