बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद-भोज में प्रबंध बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई 

भोपाल 
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद और भोज में प्रबंध बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इससे दोनों विवि में नीतिगत निर्णय नहीं हो पा रहे हैं। वहीं बीयू में होने वाले दीक्षांत समारोह पहली बार बिना ईसी सदस्यों के मनाया जाएगा। जबकि नियमित कुलपतियों को आए हुए छह माह से ज्यादा का समय बीत चुका है।  

राजभवन ने सितंबर मे बीयू और अक्टूबर में कुलपति की नियुक्तियां कर दी हैं, लेकिन अभी तक राजभवन दोनों विवि में कार्यपरिषद और प्रबंध बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति नहीं कर सका है। पांच माह से दोनों विवि में नीतिगत निर्णय नहीं हो पा रहे हैं। नियुक्ति के अभाव में भोज विवि में कोर्स बंद होने के यूजीसी के निर्णय पर बार पुराने सदस्यों के साथ बैठक कराना पड़ी। 

राजभवन ने बीयू से वरिष्ठता के आधार पर प्रोफेसर और डीन की सूची तलब कर ली है। सूची पहुंचे भी काफी समय बीत गया है। यहां तक कुछ प्रोफेसर और डीन के संबंध में बीयू से सवाल जवाब भी कर लिए गए हैं। अभी तक उनकी नियुक्ति ईसी सदस्यों के रूप में नहीं हो सकी है। 

24 फरवरी को बीयू में दीक्षांत समारोह आयोजित होगा। इसमें बीयू के सभी अधिकारी और परिषद शामिल होंगी। जबकि ईसी सदस्यों की कमी कार्यक्रम में खलती रहेगी। वहीं समारोह के पूर्व ईसी में डिग्री पर विवि को स्वीकृति लेना होती है, लेकिन राजभवन ने अभी तक सदस्यों की नियुक्ति नहीं की है। इससे डिग्री और टापर की स्वीकृति मिलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में मानद उपाधि पर भी निर्णय अटका हुआ है। 

बीयू से कुलपति मुरलीधर तिवारी को हटाने धारा 52 लगाकर ईसी को भंग कर दिया गया। इसी तरह भोज से तारिक जफर को हटाकर धारा 33 लगाकर बोर्ड को भंग कर दिया गया था। आपातकाल में नये सदस्यों का चयन दोनों विवि के लिए किया गया। एक महीने के अंतर से राजभवन ने बीयू में आरजे राव और भोज में जयंत सोनवलकर को नियमित कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया, लेकिन दोनों विवि के ईसी और बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो सकी। 

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