बजट: मनमोहन का बाजार तो जेटली का किसानों पर रहा था जोर

  मुंबई 
वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने बजट पेश किया था। तब से लेकर 2019 छह वित्तमंत्री मनमोहन सिंह, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह, पी चिदंबरम, प्रणब मुखर्जी एक अंतरिम बजट को छोड़कर 28 बजट पेश कर चुके हैं। मनमोहन के बजट भाषण में सबसे ज्यादा बाजार और निवेश बढ़ाने तो जेटली-चिदंबरम-मुखर्जी के बजट में किसानों पर जोर था। बजट भाषणों के विश्लेषण में यह बात सामने आई है। 

मनमोहन का भाषण सबसे लंबा
इन बजट भाषणों में सबसे लंबा 1991 का मनमोहन सिंह का भाषण था। यह 18,364 शब्दों का था। अपने 2014-15 के बजट भाषण में केवल जेटली 16,552 शब्दों में इस रिकॉर्ड के करीब पहुंच सके। वर्ष 1990 के बाद के बजट भाषण में औसतन 13,600 शब्द हैं। उदारीकरण के बाद के युग में यशवंत सिन्हा का सबसे लंबा बजट भाषण औसतन 14,895 शब्द का था। मनमोहन सिंह का भाषण औसतन 14,086 शब्द का रहा। 

चिदंबरम का सबसे छोटा भाषण 
चिदंबरम ने अपेक्षाकृत छोटे बजट भाषण (12,830 शब्द) दिए। चिदंबरम रिकॉर्ड 10 बजट भाषण देने वाले वित्तमंत्री मोरारजी देसाई के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं। वह आठ बजट भाषण दे चुके हैं। 

सीतारमण तोड़ सकती हैं रिकॉर्ड
इस अवधि के दौरान इन सभी बजट भाषण पुरुषों ने दिए थे। एक रिकॉर्ड निर्मला सीतारमण अपने 5 जुलाई के भाषण में तोड़ सकती हैं। यह संदर्श महिलाओं का हो सकता है। 

मनमोहन सिंह: 5 बजट (1991-1996)
मनमोहन सिंह ने बजट भाषण में बाजार के बारे में सबसे अधिक 40 बार जिक्र किया। बाद के बजटों में बाजार से संबंधित शब्दों के संदर्भ में गिरावट आई है। उन्होंने बाहरी क्षेत्र का जिक्र 21 बार किया। वहीं मुद्रास्फीति 14, निवेश 45, बैंकिंग 32, राज्य 33 बार बोला गया। मनमोहन सिंह के समय से राज्य के संदर्भ में वृद्धि हुई है। सिंह ने मुद्रास्फीति के बारे में सबसे अधिक बात की और इस पर काबू पाने में कामयाब रहे।

यशवंत सिन्हा: 5 बजट (1998-2003)
यशवंत सिन्हा ने अपने भाषण में सबसे ज्यादा 45 बार बैंकिंग शब्द का जिक्र किया। ग्रामीण-कृषि क्षेत्र का 48 बार नाम लिया। वहीं, निवेश 40, राज्य 39, इंफ्रास्ट्रक्चर 38, बाजार 37 संदर्भ में आया। घाटा, गरीबी और रोजगार को उन्होंने अपने बजट भाषण में प्राथमिकता दी। 

जसवंत सिंह: 1 बजट (2003-2004)
जसवंत सिंह ने वित्तमंत्री के तौर पर अपने बजट भाषण में राज्य का जिक्र 45 बार, इंफ्रास्ट्रक्चर का 42 बार बाजार का  34 बार, बैंकिंग का 29 बार और ह्यूमन कैपिटल का 21 का संदर्भ दिया। उन्होंने गरीबी, रोजगार और बाहरी क्षेत्र को भी भाषण में प्रमुखता दी। 

पी चिदंबरम: 8 बजट (1996-1998, 2004-2009, 2013-2014)
चिदंबरम ने अधिकांश ह्यूमन कैपिटल का सबसे ज्यादा उल्लेख किया। उनके बजट भाषण में इस शब्द का 39 बार उल्लेख है। वहीं राज्य 46 बार, निवेश 39 बार, ग्रामीण-कृषि क्षेत्र का 50 बार जिक्र किया गया है। उन्होंने लिंग का 6 बार, शहरी का 6 बार, गरीब का 8 बार और रोजगार का 11 का उल्लेख किया। 

प्रणब मुखर्जी: 4 बजट (2009-2013)
मुखर्जी ने इस अवधि में किसी भी अन्य वित्त मंत्री की तुलना में पर्यावरण और संबंधित शर्तों का अधिक उल्लेख किया। उन्होंने मुद्रास्फीति के बारे में भी बात की। उनके बजट भाषण में वृद्धि 31, घाटा 8, ग्रामीण-कृषि क्षेत्र 50, राज्य 39, इंफ्रास्ट्रक्चर 29, ह्यूमन कैपिटल 26, निवेश 30 और मुद्रास्फीति का 12 बार उल्लेख हुआ। 

अरुण जेटली: 5 बजट (2014-2019)
अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में सबसे ज्यादा जोर किसानों, गरीबों, रोजगार और राज्यों पर दिया। शहरी और मध्यम वर्ग का भी प्रमुखता से जिक्र किया। उनके भाषण में किसान 59, रोजगार 16, मध्यम वर्ग 3, राज्य 58, इंफ्रास्ट्रक्चर 45, रक्षा 6, ह्यूमन कैपिटल 37, लिंग 14, शहरी 10, निवेश 40 बार उल्लेख हुआ। जेटली ने राज्य और संबंधित शर्तों (जैसे सरकार) का सबसे अधिक उपयोग किया।  

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