बच्चे के जन्म के बाद नहीं मिलता सोने को तो पढ़ें ये 5 टिप्स

 

दुनिया में एक नई जिंदगी लाने की खुशी अतुलनीय है, लेकिन नई जिंदगी को निखारना-संवारना-सहेजना 24 घंटे की नौकरी जैसा है।  इसमें अभिभावक, खासतौर पर नई मां, थककर चूर हो जाते हैं। इसी साल की शुरूआत में किए गए एक अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है कि बच्चा जब रोते, पैर पटकते इस दुनिया में कदम रखता है तो दोनों अभिभावकों, खासतौर पर मां के लिए यह एक मुश्किल भरा दौर होता है।

जर्नल ‘स्लीप’ में प्रकाशित यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक यूके के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि बच्चे के जन्म के बाद दोनों अभिभावकों की नींद की अवधि कम हो जाती है। अध्ययन के मुताबिक मां तो हर रात एक घंटे की नींद खोती है। यह सिलसिला बच्चे के तीन माह का होने तक चलता रहता है। फिर वह बच्चे को स्तनपान कराती हो या नहीं कराती हो। इसकी तुलना में पिता की हर रात की 15 मिनट की ही नींद कम होती है।

शिशु की देखभाल एक बहुत ही मुश्किल काम है। लेकिन जब आपकी नींद भी पूरी न हो पा रही तो यह चुनौती और बड़ी लगने लगती है। नींद की कमी के कारण महिलाओं में कार्डियोवेस्कुलर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है सो अलग। कुछ चतुराई भरे रचनात्मक विकल्प इन नई मम्मियों को नींद को पूरा करने में और स्वास्थ्य सुधारने में मदद कर सकते हैं।

मां बनिए सुपर मॉम नहीं
अगर आप नई मां बनी हैं तो इस बात को समझने की कोशिश कीजिए कि आप बच्चे की नींद के वक्त, अवधि पर नियंत्रण नहीं कर सकतीं। बच्चों का आधी रात को उठकर रोना और उन्हें भूख लगना, बार-बार पेशाब करना बिलकुल कुदरती प्रक्रिया है। मदद लीजिए और जब आपके भरोसे के लोगों से मिल रही हो तो बेहिचक उसका स्वागत कीजिए। अपने साथी या परिवार के अन्य सदस्यों से बच्चे का कुछ देर खयाल रखने के लिए कहिए ताकि आप अपनी नींद पूरी कर सकें।

सुबह की हवा खाइए
बच्चे की देखभाल का एक मतलब होता है आप अपना भी खयाल रखें। हमेशा चौकन्ने और सक्रिय रहें।  अपने वॉकिंग शूज को आराम का मौका मत दीजिए। सुबह उठकर उन्हें पहनें और सैर के लिए निकल पड़ें। कुछ चलिए, कुछ स्ट्रेचिंग कीजिए, सूरज की धूप और सुबह की ताजी हवा का मजा लीजिए। इससे आपको सुकून मिलेगा और तनाव कम होगा।

खुद के लिए वक्त निकालिए
अपनी बेहद पसंदीदा शौक की और लौटिए। बच्चे का खयाल रखते हुए भी आप इसे पूरा कर सकती हैं। अगर आप काम से मातृत्व अवकाश पर हैं तो किसी नये कौशल को सीखने या नई किताबों को पढ़कर खुद को व्यस्त रखिए। निश्चित तौर पर इसका यह मतलब नहीं है कि आपको बहुत खाली वक्त मिल रहा है।

बच्चे के भोजन और डाइपर बदलने में वक्त पंख लगाकर उड़ने लगता है। इसलिए जरूरी है कि बीच के वक्त में आप खुद के लिए कम से कम 20 मिनट का वक्त तो निकाल ही लीजिए। ऐसा आपको बच्चे के भोजन, नैपी बदलने के बीच कम के कम तीन बार करना चाहिए। वक्त सिर्फ अकेले के लिए।

सोइए जब बच्चा सोए
बच्चा आपकी जरूरतों के मुताबिक एडजस्ट नहीं करेगा, आपको ही उसकी दिनचर्या के साथ तालमेल बिठाना होगा। इसलिए कामकाज की लिस्ट को कुछ देर के लिए परे रख दीजिए। जब बच्चा सो रहा हो तो आप भी नींद ले लीजिए।

15-30 मिनट्स की यह छोटी झपकियां आपको दिनभर तरोताजा रखेंगी। निश्चित ही यह रात के वक्त की आपकी नींद की कीमत पर नहीं किया जाना है। आपका साथी या परिवार का कोई अन्य सदस्य भी डायपर्स बदल सकता है। और अगर आप बिस्तर में जाने से पहले बच्चे को बोतल से दूध पिलाती हैं तो दूसरे भी ऐसा कर सकते हैं।

कैफीन से तौबा कीजिए
कुछ सुस्ताने के लिए कॉफी या चाय का एक गरमा-गरम प्याला एक अच्छा विकल्प लग सकता है। लेकिन बेहतर होगा यदि आप इसे केवल एक कप तक ही सीमित रखें। कॉफी में बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन होता है और कैफीन आपकी नींद उड़ा देता है। कॉफी के अतिरिक्त घूंट आपको आपकी बेशकीमती नींद से वंचित कर सकते हैं।

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