फ्लोर टेस्ट से पहले रणनीति बनाने में जुटीं पार्टियां, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दो निर्दलीय विधायक

नई दिल्ली 
कर्नाटक में जारी राजनीतिक नाटक को दो सप्ताह से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन तस्वीर अब तक साफ नहीं है। हालांकि कांग्रेस-जेडीएस सरकार के समीकरण लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। फ्लोर टेस्ट से पहले जहां राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति बना रहे हैं, वहीं दो निर्दलीय विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दोनों ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई है कि वह कर्नाटक सरकार को निर्देश दे कि सोमवार को किसी भी हालत में फ्लोर टेस्ट हो जाए। इस बीच बेंगलुरु के होटल वॉर रूम बने हुए हैं। एक तरफ बीजेपी के नेताओं ने रमाडा होटल में विधायकों की बैठक बुलाई तो विवांता होटल में कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा रहा। हालांकि गठबंधन सरकार को बीएसपी से राहत मिली है। बीएसपी चीफ मायावती ने ट्वीट कर अपने एकमात्र विधायक एन. महेश को विश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के पक्ष में वोट देने का निर्देश दिया है। बता दें कि वहां शुक्रवार को बहुमत परीक्षण होना था, जो टाल दिया गया था। इस बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने खेमे के विधायकों के साथ रणनीति बनाने में जुटी हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार सुबह भी विधायकों की मीटिंग बुलाई है। दूसरी तऱफ ताज विवांत होटल में कांग्रेस विधायकों की भी बैठक जारी है। रविवार को जिन दो विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया उनका नाम एच. नागेश और आर. शंकर है। दोनों कर्नाटक के निर्दलीय विधायक हैं। बता दें कि दोनों निर्दलीय विधायक पहले ही भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दे चुके हैं। 

रणनीति बनाने में जुटीं दोनों पार्टियां 
सोमवार को कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट होने की उम्मीद है। इससे पहले बीच राजनीतिक दल गुपचुप तरीके से अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन में जहां विस्तृत बैठकों का दौर जारी है। वहीं प्रदेश बीजेपी प्रमुख बी एस येदियुरप्पा ने भी पार्टी विधायकों से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर चर्चा की। रविवार को भी बीजेपी विधायकों की कर्नाटक के रमाडा होटल में मीटिंग हुई। गठबंधन के नेता भी मुंबई में ठहरे बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कोशिश में जुटे बताए जा रहे हैं। इन विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार संकट में आ गई है। 

शुक्रवार को नहीं हो पाया था फ्लोर टेस्ट 
कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट के लिए पहले शुक्रवार का दिन तय किया गया था। लेकिन राज्यपाल वजुभाई वाला और जेडीएस-कांग्रेस सरकार के बीच गतिरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया। उस दिन बहुमत साबित करने के लिए तय की गई दो समयसीमाओं का उल्लंघन किया गया। 

'एक दिन की मेहमान है कुमारस्वामी सरकार' 
फ्लोर टेस्ट से पहले येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि कुमारस्वामी सरकार अब सिर्फ एक दिन की मेहमान है। येदियुरप्पा ने आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार बेवजह बहुमत परीक्षण की तारीख को आगे बढ़ाती जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *