फ्लेट का कब्जा न देने पर बिल्डर को देनी पड़ी 3.7 लाख की क्षतिपूर्ति

भोपाल

मध्यप्रदेश में रेरा प्राधिकरण का प्रभाव रियल एस्टेटक्षेत्र में दिखने लगा है। इसका ताजा उदाहरण है आवेदक रामलखन यादव को भोपाल की 'रेवांत सिटी' में बुक किये गये फ्लैट का कब्जा न मिलने पर बिल्डर द्वारा उन्हें 3 लाख 7 हजार रूपये राशि का भुगतान क्षतिपूर्ति की श्री यादव ने प्राधिकरण में आवेदन दिया था। बिल्डर को आवेदक को कब्जा न देने की स्थिति में प्रतिमाह 8,500 रूपये भी अदा करना होगा।

रेरा प्राधिकरण ने आवेदक के क्षतिपूर्ति आवेदन पर अनावेदक मेसर्स भारती बिल्डर्स के विरूद्ध मूलभूत सुविधाओं युक्त प्रकोष्ठ का आधिपत्य आवेदक को देने का निर्णय पारित किया था। इसके साथ ही यह निर्णय भी दिया कि अनावेदकगण, आवेदक को आधिपत्य देने में विलम्ब के लिये एक सितंबर, 2015 से निर्धारित तिथि 31 दिसंबर 2018 तक प्रतिमाह 7500 रूपये की दर से क्षतिपूर्ति राशि एक मुश्त अदा करें। आवेदक को 31 दिसंबर 2018 तक प्रकोष्ठ का आधिपत्य न देने की स्थि‍ति में अनावेदकगण एक जनवरी 2019 से आधिपत्य प्रदान किये जाने की तिथि तक 8500 प्रतिमाह की दर से क्षतिपूर्ति अदा करने के लिये उत्तरदायी बनाये गये।

रेरा प्राधिकरण से 30 जनवरी, 2019 को राजस्व वसूली प्रमाण-पत्र जारी होने के बाद, कलेक्टर  तरूण पिथौड़े के मार्गदर्शन में अनुविभागीय अधिकारी तथा तहसीलदार गोविंदपुरा द्वारा वसूली प्रकरण में करीब चार माह की अल्प अवधि में आवश्यक कार्यवाही की गई। अनावेदक ने तहसील न्यायालय में आवेदक श्री रामलखन यादव को 3 लाख 7 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति राशि के चेक दिये ।

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