फील्ड पोस्टिंग से दूर दर्जनों IAS अफसर, विभाग ने CM के आदेश को किया ‘दरकिनार’

भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकारी कामकाज में गति लाने के लिए हाल ही में निठल्ले अधिकारी एवं कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का फरमान जारी किया है, लेकिन विभागों ने मुख्यमंत्री के आदेश को हवा में उड़ा दिया। वहीं दूसरी ओर भारतीय प्रशासनिक सेवा के नौजवान अफसरों को सरकार ने फील्ड पोस्टिंग से इतर भोपाल में इधर-उधर पदस्थ कर रखा है। मंत्रालय समेत विभागीय मुख्यालयों में पदस्थ अधिकारी फील्ड पोस्टिंग के दौरान अपने काम में पारदर्शिता एवं सख्ती को लेकर चर्चा में रहे हैं। यंग आईएएस अफसरों में से ज्यादातर को एसडीएम, जिपं सीईओ एवं एडीएम पदस्थ किया जा सकता है, लेकिन सरकार ने इन अफसरों को फील्ड पेास्टिंग से हटाकर मुख्यालय में पदस्थ कर रखा है। जिससे मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ यह निर्देश दे चुके हैं कि नौजवान अफसरों को फील्ड में उतारा जाए।

विजय कुमार संचालक स्वास्थ्य, हरजिंदर सिंह कौशल विकास विभाग, नेहा मारव्या रोजगार गारंटी परिषद में पदस्थ है। नेहा अपनी बैच की एकमात्र ऐसी अधिकारी हैं, जिन्हें अभी तक कलेक्टर नहीं बनाया गया है। जिपं सीईओ शिवपुरी रहते हुए इन्होंने कलेक्टर की गाड़ी का भुगतान रोक दिया था। तब से नेहा अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा में आईं। शिवपुरी से हटाकर उन्हें मंत्रालय में उपसचिव बनाया गया। उसके बाद उन्हें फील्ड पोस्टिंग से दूर रखा गया है।

इस बैच के सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी भोपाल में पदस्थ हैं। अनुराग वर्मा उप सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, हर्षिका सिंह उपसिचव वाणिज्यकर विभाग, रोहित सिंह, नीरज सिंह संचालक बजट, पंकज जैन प्रबंध संचालक लघु उद्योग निगम, राजीव रंजन मीणा प्रबंध संचालक नवकरणीय ऊर्जा, राहुल फटिंग एडीशनल सीईओ मनरेगा मेंं पदस्थ हैं।

ऋषि गर्ग अपर आयुक्त अनुसूचित जनजाति विभाग, सोमेश मिश्रा उप सचिव शिक्षा, सोनिया मीणा एडिशनल एमडी मप्र पर्यटन, फ्रेंक नोवेल एमडी स्वान, उमा माहेश्वरी। 2014 बैच के आशीष वशिष्ट उप सचिव कौशल विकास विभाग एवं 2015 बैच की संस्कृति जैन उपसचिव पदस्थ हैं।

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