फिर सक्रिय हुआ बालाकोट? घिरे PAK ने US-रूस-चीन से कहा- आकर देख लो

 
इस्लामाबाद 

संयुक्त राष्ट्र में आज होने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन से पहले पड़ोसी मुल्क अपनी छवि को सुधारने में जुट गया है. भारत ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी सीमा से उसके देश में कई आतंकी घुसने की फिराक में हैं. अब पाकिस्तान ने इन इलाकों का दौरा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के P-5 सदस्यों को न्योता दिया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में UNSC के पांच सदस्य देशों को पाकिस्तान आने का न्योता दिया और भारत के आरोप को गलत बताया. पाकिस्तान की ओर से जिन देशों को न्योता दिया गया है उनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं.

शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत की ओर से जो आरोप लगाए गए हैं, हम उन्हें नकारते हैं. इसकी जांच के लिए हमने UNSC P5 देशों को पाकिस्तान आने का न्योता दिया है. बता दें कि पाकिस्तान का ये न्योता उस वक्त आया है जब शुक्रवार शाम को ही इमरान खान को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना है.

बिपिन रावत ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि बीते दिनों सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तान पर बड़ा आरोप लगाया था. बिपिन रावत ने कहा था कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भारत ने जो आतंकी ठिकाने नष्ट किए थे , उन्हें पाकिस्तान ने फिर से शुरू कर दिया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि पाकिस्तानी सीमा पर 400-500 आतंकी भारत में घुसने की फिराक में बैठे हैं.

बिपिन रावत के बयान से बौखलाया था PAK
सेना प्रमुख के इसी बयान के बाद से पाकिस्तान बेचैन था. इससे पहले भी शाह महमूद कुरैशी ने बिपिन रावत के बयान को गलत बताया था, हालांकि वह इस बात का कोई सबूत नहीं दे पाए थे. गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना और ISI लगातार बॉर्डर के पास आतंकियों को भारत में घुसाने की फिराक में लगी रहती है, जिनका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देती है.

कब हुई थी बालाकोट एयर स्ट्राइक?
आपको बता दें कि 14 फरवरी को पाकिस्तानी आतंकी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला किया था. इसमें CRPF के 45 जवान शहीद हो गए थे, इसी के जवाब में भारतीय वायुसेना ने 27 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा था, यहां वायुसेना ने बम बरसाए थे. हालांकि, लंबे समय तक पाकिस्तान इस बात को कबूल नहीं कर पाया, लेकिन कई महीनों तक उसने बालाकोट में पत्रकारों की एंट्री पर रोक लगा दी थी.

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