फिर बाहर आएगा व्यापमं का जिन्न, STF फिर खंगालेगी पुरानी फाइलें!

भोपाल
 देश के सबसे बड़े शिक्षा घोटाले व्यापमं का जिन एक बार फिर बोतल से बाहर निकलने वाला है। कमलनाथ सरकार अब व्यापमं घोटाले की जांच दोबारा करवाने का मूड बना रही है। सराकर उन मामलों की जांच करवाएगी जिन्हें अभी तक व्यापमं मामले में सीबीआई ने नहीं लिया है। कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब लगातार व्यायमं मामले में दोबारा जांच की मांग करती रही। अब सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार इस दिशा में काम कर रही है। 

व्यापमं मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2015 के फैसले के कानूनी दांवपेच समझना एडीजी एसटीएफ ने शुरू कर दिए हैं। एडीजी एसटीएफ अशोक अवस्थी ने कहा कि कोर्ट के फैसले को समझने के लिए कानूनी मदद ली जा रही है। ये समझना मुश्किल है कि कोर्ट का फैसला क्या कहता है। फिलहाल मामला विचाराधीन है इसलिए बिना किसी पड़ताल के एसटीएफ शिकायत पर कार्रवाई शुरू नहीं कर सकती।

एसटीएफ को करीब 500 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से सीबीआई ने सिर्फ 153 मामलों में ही पड़ताल की है। अदालत द्वारा लगाए गए एक कथित प्रतिबंध के कारण शेष मामलों पर एसटीएफ ने संज्ञान नहीं लिया। जबकि 300 शिकायतों को संबंधित जिलों में पूछताछ के लिए वापस भेज दिया गया था। हालांकि, 100 मामले अबतक एसटीएफ के पास लंबित हैं। वहीं, सीबीआई कुछ मामलों में सीबीआई स्पेशल कोर्ट पहुंची थी। कई मामलों में अबतक जांच चल रही है। 

गौरतलब है कि पहली बार 2013 में व्यापमं मामले में इंदौर में पहला केस दर्ज हुआ था। मामलो के बढ़ता देख सरकार ने जांच के लिए एसटीएफ की टीम गठित की थी। फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट के 2015 में दिए गए फैसले के बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। लेकिन अब इस मामले में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा और प्रशांत पांडे एसटीएफ से इस मामले दोबारा  जांच करवाने की मांग कर रहे हैं। 

बता दें कि व्यापम का नाम बदलकर अब ‘प्रफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड’ किया जा चुका है। सरकार बदलते ही एक बार फिर व्यापम की जांच कराए जाने की मांग तेज हो गई है। बाला बच्चन ने  मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, 'व्यापम घोटाले में जो भी शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। सरकार आवश्यक कार्रवाई करेगी।' 

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान व्यापमं को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा था, 'पहली बार जब्त हुए डेटा में व्यापम के माध्यम से प्रवेश कराने वाले सिफारिशकर्ता के तौर पर 48 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम और मिनिस्टर वन, मिनिस्टर टू और मिनिस्टर थ्री के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम भी शामिल है लेकिन सीबीआई उन्हें बचा रही है। सीबीआई तथ्यों की अनदेखी कर रही है, इसीलिए दिग्विजय ने मुकदमा दायर किया है। दिग्विजय ने कुल 27000 पन्ने के दस्तावेज पेश किए हैं।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *