सैनिक ने कहा- इंसाफ नहीं मिला तो बन जाऊंगा दूसरा पान सिंह तोमर
भोपाल
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (Indo-Tibetan Border Police) के एक जवान ने मध्य प्रदेश में अपने परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट के एक मामले में संबंधित अधिकारियों द्वारा एक्शन न लेने पर धमकी दी है. बता दें कि जम्मू कश्मीर में तैनात ITBP जवान अमित सिंह ने ये आरोप लगाया है कि सुरक्षा गार्ड ने उसके भाई अतुल सिंह पर बियर की बोतल से सिर पर हमला किया. इसके बाद उनके द्वारा फेंके गए पत्थरों में से एक पत्थर अतुल की दाहिनी आंख पर लग गई, जिससे उसने दाहिनी आंख की 80 फीसदी रोशनी खो दी है.
जवान ने ये धमकी अपने फेसबुक (Facebook) वॉल पर एक पोस्ट के जरिए दी है. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में तैनात हवलदार अमित सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि 'मध्य प्रदेश सरकार मेरे और मेरे भाई के साथ न्याय करे नहीं तो नया पान सिंह तोमर बनने के लिए मुझे बंदूक चलाने की ट्रेनिंग लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.’
अमित सिंह ने बताया कि उनके परिजन बीते 16 अगस्त को खंडवा जिले के इंदिरा सागर बांध के पास एमपी टूरिस्ट स्पॉट के जल पर्यटन स्थल हनुवंतिया टापू पर पिकनिक मनाने गए थे. वहां उनकी निजी सुरक्षा गार्ड्स के साथ बच्चों के लिए दूध की बोतल और बिस्कुट ले जाने की अनुमति नहीं देने को लेकर बहस हो गई थी. इसके बाद बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि वहां तैनात गार्ड चरण सिंह गोंड और दूसरे सुरक्षा गार्ड्स ने उनके परिवार पर ईंट, लाठी और यहां तक कि बियर की बोतलों से हमला कर दिया.
अमित ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सुरक्षा गार्ड्स ने उसके भाई अतुल सिंह पर बियर की बोतल से सिर पर हमला किया. इस दौरान उनके द्वारा फेंके गए पत्थरों से अतुल की दाहिनी आंख पर चोट लग गई, जिस कारण उसकी आंख की 80 फीसदी रोशनी चली गई. उन्होंने बताया कि इस हमले में उनके छोटे भाई विपुल के पैर में भी फ्रैक्चर हो गया है. यह घटना पर्यटन विभाग के कर्मचारियों के सामने हुई.
वहीं संबंधित मामले में विपुल ने बताया कि इंदौर में डॉक्टरों ने घायल भाई अतुल को इलाज चेन्नई ले जाने को कहा है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मदद करने के बजाय केवल दो गार्डों और 15 अज्ञात गार्डों और नाविकों के खिलाफ शिकायत पर साधारण सी आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, लेकिन उनके भाई की आंख में गंभीर चोट के कारण हत्या के प्रयास का मामला दर्ज नहीं किया.
पीड़ित के भाई का आरोप है कि इस मामले में थाना प्रभारी ने कहा कि दोनों समूह एक-दूसरे से भिड़ गए थे. इस दौरान परिवार के सदस्यों में से एक की आंख पर गंभीर चोट आई. उन्होंने बताया कि मुंडी (खंडवा) में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में डॉक्टरों ने शुरू में इसे साधारण चोट माना था. इसलिए इस मामले में हमने आईपीसी की साधारण धाराएं लगाई थीं. एक बार जब हमें इंदौर में डॉक्टरों से नई मेडिको लीगल रिपोर्ट मिल जाती है, तो हम एफआईआर में और भी धाराएं जोड़ देंगे. संबंधित मामले में पीड़ित के भाई ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा गार्ड एक कांग्रेस नेता के करीबी रिश्तेदार द्वारा चलाए जा रहे एक सुरक्षा एजेंसी से थे.