प्रेग्नेंसी टेस्ट के अलावा इन लक्षणों से समझें ‘गुड न्यूज’ का संकेत

सिर्फ प्रेग्नेंसी टेस्ट और अल्ट्रासाउंड ही गुड न्यूज कंफर्म करने का बेस्ट तरीका हैं, यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन अगर किसी भी स्थिति में ये दोनों संभव ना हो पा रहे हों तो ऐसे दूसरे भी कईं सिग्नल्स हैं, जो इस बात को कंफर्म करते हैं कि आप मां बनने जा रही हैं…

बॉडी के साथ सहज होना
जो महिलाएं अपनी बॉडी को बहुत अच्छी तरह से समझती हैं, उनके लिए यह जानना इतना मुश्किल नहीं होता है कि वे प्रेग्नेंट हैं या नहीं। लेकिन जरूरी नहीं कि हर लड़की या महिला अपनी बॉडी के साथ उतनी अवेयर और कंफर्टेबल हो। ऐसा हर बार बदलजाने वाले मेन्स्ट्रूएशनल सिंप्टम्स के कारण भी होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के कुछ सिंप्टम्स को बेहतर तरीके से समझ लेना ही अच्छा रहता है।

ऐमनॉरिया
ऐमनॉरिया उस स्थिति को कहा जाता है, जब प्रेग्नेंसी के कारण किसी महिला को पीरियड्स आने रुक जाते हैं। यह बेहद ही सामान्य लक्षण है लेकिन फिर भी यह एक धोखा देनेवाला कारण हो सकता है। क्योंकि पीरियड्स कई अन्य कारणों से भी रुक सकते हैं। ऐसा वजाइनल सीक्रेशन के दौरान भी हो जाता है। जब प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने की तरह अचानक से पेट में क्रैंप्स के साथ ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। सीक्रेशन और मेन्स्ट्रुएश के बीच मुख्य अंतर यह है कि सीक्रेशन के दौरान मेन्ट्रुएशन से कम ब्लीडिंग होती है।

मॉर्निंग सिकनेस
मॉर्निंग सिकनेस यानी सुबह के समय होनेवाली कमजोरी, वॉमिटिंग और मूड स्विंग्स जैसी दिक्कतों का एक साथ होना। ऐसा प्रेग्नेंसी होने के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाता है। किसी महिला में यह लक्षण सुबह के वक्त कुछ घंटे के लिए रहते हैं जबकि किसी महिला को पूरे दिन यह सब सहना पड़ता है। यह बहुत ही कॉमन लक्षण है प्रेग्नेंसी का। लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिन्हें मॉर्निंग सिकनेस की परेशानी पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान एकबार भी नहीं होती है।

ब्रेस्ट सेंसेटिविटी
प्रेग्नेंसी के वक्त महिला को ब्रेस्ट में कई तरह के बदलाव महसूस हो सकते हैं। इनमें, ब्रेस्ट साइज बढ़ा हुआ महसूस होना, ब्रेस्ट में अधिक संवेदनशीलता का महसूस होना, निपल्स के चारों तरफ की त्वचा का रंग और अधिक गाढ़ा होना और निपल्स का पहले की तुलना में कहीं अधिक सॉफ्ट हो जाना। कंसीव करने के शुरुआती दो सप्ताह में भी इस तरह के बदलाव महिलाओं को महसूस होने लगते हैं।

थकान महसूस होना
गर्भधारण के प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन में बढ़ोतरी होने लगती है और यह प्रक्रिया गर्भधारण के पूरे नौ महीने तक चलती है। इस कारण महिलाओं को जल्दी थकान महसूस होने लगती है। पूरे गर्भधारण के दौरान नजर आने के साथ ही यह लक्षण गर्भधारण के प्रारंभिक लक्षणों में से भी एक है।

अवर्श़न (घृणा)
किसी खास खाद्य पदार्थ की खुशबू से घृणा हो जाना केवल नॉज़ीअ का ही लक्षण नहीं है। ऐसा अचानक से उन फ्रेग्नेंस के साथ भी होना शुरू हो जाता है, जो अब तक आपको बहुत अच्छी लगती थीं। ऐसी स्थिति प्रेग्नेंसी की प्रारंभिक अवस्था में, बॉडी में होनेवाले हॉर्मोनल बदलाव के कारण होती है। प्रेग्नेंसी का यह बहुत ही सामान्य लक्षण माना जाता है।

सेक्स की इच्छा कम होना
सेक्स ड्राइव यानी सेक्स करने की इच्छा का कम हो जाना या खत्म हो जाना भी प्रेग्नेंसी का एक लक्षण होता है। इस बदलाव की वजह से महिलाओं में मूड स्विंग्स और मॉर्निंग सिकनेस जैसे सिंप्टम्स बढ़ने लगते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को महसूस होता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान उनकी सेक्स ड्राइव बढ़ गई है। अब आपकी लिबिडो जो भी हो प्रेग्नेंसी के दूसरे सप्ताह में इसमें परिवर्तन देखने को मिलता है।

ब्लॉटिंग और कब्ज
कुछ महिलाओं में बॉडी ब्लॉटिंग होना और कब्ज की समस्या के रूप में भी प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण सामने आते हैं। ऐसा प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में बढ़नेवाले प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन के कारण होता है। इसके कारण बॉडी के मसल टिश्यूज बहुत स्मूद होकर रिलैक्सिंग मोड में आ जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान होनेवाले लक्षणों में यह बहुत ही कॉमन हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *