क्यों गुम हो रही आल्हा ऊदल की कहानी

आल्हा मध्यभारत में स्थित ऐतिहासिक बुन्देलखण्ड के सेनापति थे और अपनी वीरता के लिए विख्यात थे। आल्हा के छोटे भाई का नाम ऊदल था और वह भी वीरता में अपने भाई से बढ़कर ही था। जगनेर के राजा की 52 लड़ाइयों की गाथा वर्णित है।

ऊदल ने अपनी मातृभूमि की रक्षा हेतु पृथ्वीराज चौहान से युद्ध करते हुए ऊदल वीरगति प्राप्त हुए आल्हा को अपने छोटे भाई की वीरगति की खबर सुनकर अपना आपा खो बैठे और पृथ्वीराज चौहान की सेना पर काल बनकर टूट पड़े आल्हा के सामने जो आया मारा गया युद्ध के बाद पृथ्वीराज और आल्हा आमने-सामने थे दोनों में भीषण युद्ध हुआ पृथ्वीराज चौहान बुरी तरह घायल हुए आल्हा के गुरु गोरखनाथ के कहने पर आल्हा ने पृथ्वीराज चौहान को जीवनदान दिया और बुन्देलखण्ड के महा योद्धा आल्हा ने नाथ पन्थ स्वीकार कर लिया

आल्हा चन्देल राजा परमर्दिदेव (परमल के रूप में भी जाना जाता है) के एक महान सेनापति थे, जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान से लड़ाई लड़ी, अपनी मातृभूमि के लिए उनका त्याग ही उन्हें ग्रंथो में अमर बनता है।

राजकवि जगनिक ने परमालरासो में ‘आल्हाखण्ड’ के नाम से किया।जिसमें इनकी 52लड़ाइयों का वर्णन है। आज भी संपूर्ण बुन्देलखण्ड में आल्हाखण्ड को आज भी गाया जाता है। इनकी वीरता का वर्णन करते हुए जगनिक ने लिखा है,
बड़े लड़इया महोबा वाले, इनकी मार सही न जाय।
एक को मारे दो मर जावे,तीजा खौफ खाय मर जाय।
अर्थात् महोबा वाले बड़े लड़ाकू वीर है,वो जब एक को मारते हैं तो एक साथ दो लोग मर जाते हैं।और तीसरा तो डर के मारे ही मर जाता है।
आल्हा छन्द में लिखी आल्हखण्ड की ये पंक्तियाँ तो आज नौजवानों में जोश भर देती हैं।
“आल्हा -खण्ड” कि लोकप्रियता देशव्यापी है।
शौर्य-गाथा केवल बुन्देलखण्ड तक ही सीमित नहीं रह गई , बल्कि बिहार ,उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश आदि क्षेत्रों की बोलियों में भी विकसित हुई।
इस खण्ड की गाथा को गा के सुनाया जाता है यह सावन व भादों में गया जाता है ।
पर आज के परिवेश में इसकी लोकप्रियता कम होती जा रही है ।इसका कारण आधुनिक समय में मनोंरजन के साधन बहुत बढ गए इसका एक प्रमुख कारण है।
और कुछ लोग इसे आधुनिक संसाधनों से घर पर ही सुन लेते है।परन्तु पहले ग्रामीण क्षेत्रों में इस गाथा को बड़े आयोजन के द्वारा किया जाता था ।इस आयोजन में सभी शामिल होते थे और प्रेरणा लेते थे । परन्तु आज परिस्थिति बदल चुकी है ।यही कारण है इन गाथा के गुम होने की कहानी ।

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