प्राइमरी स्कूलों के बच्चे पहनेंगे खादी की यूनिफॉर्म

लखनऊ 
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के बच्चे खादी की बनी यूनिफॉर्म पहनेंगे। पायलट प्रॉजेक्ट के तहत इसे लखनऊ सहित चार जिलों में लागू किया गया है। योजना सफल रही तो इसका विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण के निर्देश जारी कर दिए हैं। 15 जुलाई तक सभी बच्चों को दो सेट यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने को कहा गया है। प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को सरकार हर सत्र में दो सेट यूनिफॉर्म नि:शुल्क उपलब्ध कराती है। इसके लिए वितरक को प्रति सेट 300 रुपये का भुगतान किया जाता है।  
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल बच्चों के लिए खादी की यूनिफॉर्म की संभावनाएं तलाशने को कहा था। अब इस पर पहल शुरू की गई है। अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने इस संदर्भ में डीएम और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं। इसमें कहा गया है कि खादी को प्रोत्साहन देने के लिए लखनऊ के मोहनलालगंज, सीतापुर के सिधौली, मीरजापुर के छियानबे और बहराइच के मटेरा, महसी और विश्वेश्वरगंज विकास खंड के सभी स्कूलों में पॉयलट प्रॉजेक्ट के तौर पर खादी की यूनिफॉर्म वितरित की जाएगाी। यहां यूनिफॉर्म खादी ग्रामोद्योग बोर्ड उपलब्ध कराएगा। 

सभी स्कूलों में 1 से 15 जुलाई के बीच यूनिफॉर्म वितरित करने को कहा गया है। हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में कमिटी बनाई जाएगी जिसे यह सुनिश्चित करना होगा कि यूनिफॉर्म समय से बंट जाए। जहां खादी के यूनिफॉर्म बंटना है, वहां कमिटी में खादी व ग्रामोद्योग अधिकारी भी होगा। बीएसए कमिटी का सचिव होगा। लेकिन किसी स्कूल में 1 लाख से कम मूल्य का यूनिफॉर्म वितरित किया जाना है तो विद्यालय प्रबंध समिति के जरिए कोटेशन लिया जाएगा। 1 लाख से अधिक का यूनिफॉर्म है तो टेंडर किया जाएगा। कपड़े का सैंपल स्कूल में रखा जाएगा, जिससे निरीक्षण के दौरान उसे दिखाया जा सके। 

निर्देश में यह भी कहा गया है कि यूनिफॉर्म वितरण के दौरान सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। स्कूलों में यूनिफॉर्म का वितरण निरीक्षण करने के लिए डीएम टॉस्क फोर्स गठित करेंगे। इसमें ग्रेड टू या उससे ऊपर के अधिकारी रखे जाएंगे। टॉस्क फोर्स यूनिफॉर्म वितरण के एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण करेगी। डीएम को खुद भी स्कूलों का दौरा कर गुणवत्ता जांचने को कहा गया है। मंडल स्तर पर कमिश्नर भी विशेष जांच दल गठित करेंगे, जिसमें मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक नोडल अफसर होंगे। ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी यूनिफॉर्म की गुणवत्ता के लिए जवाबदेह होगा। निरीक्षण के दौरान स्कूल में सैंपल न मिलने पर संबंधित प्रधानाध्यापक के खिलाफ एफआईआर कर भुगतान की धनराशि की पूरी रिकवरी कराई जाएगी। यूनिफॉर्म की संख्या का मिड डे मील लेने वाले बच्चों की संख्या से भी मिलान किया जाएगा। 

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