प्रवासी कुशल मजदूरों को काम दिलाने के लिए बनाएं रोजगार सेतु: मुख्यमंत्री चौहान 

भोपाल 
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण हुए रिवर्स माइग्रेशन से प्रदेश में कुल 10 से 13 लाख मजदूर प्रदेश लौटने का अनुमान है। इनमें से अकुशल श्रमिकों को कार्य दिलाने के लिये प्रदेश में श्रमसिद्धि अभियान चालू किया गया है। कुशल मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने के लिये शॉर्ट एवं लाँग टर्म प्लानिंग करें। इसके लिए 'रोजगार सेतु' बनाया जाए। इससे कुशल श्रमिकों एवं काम देने वालों को जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में कोविड-19 के पश्चात प्रदेश में कौशल एवं रोजगार के क्षेत्र में प्रस्तावित बदलाव के संबंध में बैठक ले रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती कैरोलिन खोंगवार देशमुख, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला आदि उपस्थित थे।

तत्काल कार्य दिलाएं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कुशल प्रवासी मजदूरों को तत्काल कार्य दिलाने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान बनाएं। इसके अंतर्गत पंचायतों से डाटा मंगवाये और निर्माण, उद्यम आदि में कुशल श्रमिकों को नियोजित किया जाए।

लाँग टर्म प्लानिंग, प्लेटफार्म बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाँग टर्म प्लानिंग के अंतर्गत कुशल मजदूरों की जानकारी तथा उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं की जानकारी एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई जाए, जिसके माध्यम से उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रमिक उपलब्ध कराए जाएं। इसमें एम.एस.एम.ई. की भूमिका महत्वपूर्ण है।

प्रवासी मजदूर कौशल रजिस्ट्रर एवं पोर्टल
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रवासी मजदूरों का कौशल रजिस्टर पंचायतवार बनाया जाए, जिसमें उनके कौशल से संबंधित तथा अन्य जानकारी दर्ज की जाए। साथ ही इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाकर उस पर जानकारी दर्ज की जाए। यह जानकारी नियोजनकर्ताओं को उपलब्ध करायी जाए। जानकारी के अंतर्गत शैक्षणिक योग्यता, पूर्व नियोजन, पूर्व वेतन, पूर्व नियोजनकर्ता, कौशल, अपेक्षित मासिक वेतन तथा मजदूर जिस सेक्टर में कार्य करने का इच्छुक हो वह उल्लेखित किया जाए।

प्रवासी मजदूर
बताया गया कि कोरोना के चलते प्रदेश में अभी तक 6.5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश लौटे हैं। इनकी संख्या 13 लाख तक जाने का अनुमान है। इनमें से 5 लाख 45 हजार श्रमिक शासन द्वारा उपलब्ध करवाई गई परिवहन व्यवस्था से लाये गये हैं। जिले जिनमें अधिक प्रवासी मजदूर लौटे हैं उनमें अलीराजपुर में सर्वाधिक 99 हजार 508, बालाघाट में 97 हजार 620, गुना में 67 हजार 261, पन्ना में 28 हजार 406, झाबुआ में 20 हजार 624 तथा बड़वानी में 20 हजार 182 मजदूर लौटे हैं। इन जिलों में लौटने वाले मजदूरों की संख्या प्रदेश की 52 प्रतिशत है।

प्रवासी मजदूरों के कार्य के प्रमुख क्षेत्र
प्रवासी मजदूर मुख्य रूप से भवन एवं अन्य निर्माण कार्य, ईंट भट्टा खनन, फैक्ट्री, टेक्सटाइल, कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में कार्य करते हैं। ये मजदूर प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाण, कर्नाटक तथा राजस्थान जाते हैं।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *