प्रदेश में बदला मौसम, कई इलाकों में बारिश के आसार

भोपाल
मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम बदल गया है| अधिकाँश इलाकों में बादल छाए रहे| भोपाल में धूल भरी तेज हवाएं चलीं, साथ ही सुबह और शाम के समय अलग-अलग स्थानों पर बूंदाबांदी भी हुई। प्रदेश के कई इलाकों में बूंदाबांदी हुई है| वहीं सिंगरौली समेत प्रदेश के कई हिस्सों में में बारिश के साथ ओले गिरे हैं| ओले गिरने और बौछारें पड़ने से शहर में रात के तापमान में कुछ गिरावट भी हो सकती है।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को इस तरह की स्थिति बनी रहने के आसार हैं। राजस्थान और उसके आसपास के क्षेत्र पर बने सिस्टम के कारण राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदल गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक गुरुवार को न्यूनतम तापमान 19.8 डिग्रीसे. दर्ज हुआ,जो सामान्य से 3 डिग्रीसे. अधिक रहा। साथ ही बुधवार के न्यूनतम तापमान(18.4) के मुकाबले 1.4 डिग्रीसे. अधिक रहा। इसी तरह गुरुवार का अधिकतम तापमान 33.5 डिग्रीसे. दर्ज हुआ,जो कि सामान्य से 1 डिग्रीसे. अधिक रहा,लेकिन बुधवार के अधिकतम तापमान(34.8) के मुकाबले 1.3 डिग्रीसे. कम रहा।

दक्षिण-पूर्वी राजस्थान से लगे गुजरात और पश्चिमी मप्र पर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा मध्य भारत पर पूर्वी और पश्चिमी हवाओं को टकराव हो रहा है। इस वजह से राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं। शुक्रवार को भी शहर में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी होने या हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है।  पश्चिम विक्षोभ के बनने के कारण राज्य के मौसम पर असर पड़ा है। इसके प्रभाव से कल राज्य के शहडोल, जबलपुर संभाग के कुछ जिले में कुछ स्थानों पर तथा रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हुई। ऐसे में संभावना है कि अगले 24 घंटों के दौरान रीवा, सागर, शहडोल, जबलपुर और चंबल संभाग के जिलों के साथ ही ग्वालियर, दतिया, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद और बैतूल जिले में गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश और बौछारें पड़ सकती है।

सिंगरौली में बुधवार से ही मौसम का रुख कुछ बदला बदला सा था, जिससे बीती रात कुछ जगहो पर हल्की हल्की बारिश हुई थी | लेकिन सुबह से आसमान एकदम से साफ नजर आ रहा था और धूप भी खिली हुई थी लेकिन शुक्रवार दोपहर से मौसम बदला और सिंगरौली जिले में कई इलाकों में गरज चमक के साथ तेज बारिश व ओले गिरे| ओले और बारिश से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर उभर पड़ी है|  

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