प्रदेश में अब दूसरे राज्यों के युवा 35 साल की उम्र तक नौकरी के लिए परीक्षा दे पाएंगे

भोपाल
 राज्य सरकार ने बाहरी युवाओं के लिए शासकीय सेवाओं में आयु सीमा नए सिरे से तय कर दी है। इसे मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। नई आयु सीमा का बड़ा फायदा बाहरी राज्यों के युवाओं को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की सीधी भर्ती से होने वाली परीक्षाओं में होगा। अब 21 से 35 वर्ष तक की आयु के बाहरी युवा मप्र में नौकरी  के पात्र होंगे। पहले यह सीमा 21 से 28 वर्ष थी। जबकि मप्र के युवाओं के लिए पीएससी की राजपत्रित परीक्षाओं की आयु सीमा 21 से 35 साल है।

बाहरियों के लिए तय आयु की पूर्ववर्ती सीमा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर कोर्ट ने सभी के लिए शासकीय सेवा में भर्ती की आयु सीमा समान करने का आॅर्डर दिया था। इसी आदेश के पालन में राज्य सरकार ने नई आयुसीमा तय की।  हालांकि इस फैसले का सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों ने कैबिनेट में ही विरोध किया। उनका कहना था कि तेलुगु, तमिल और कन्नड़ भाषी प्रदेशों में जब स्थानीय युवाओं को रोजगार में विशेष सहूलियत दी गई है तो मप्र में ऐसा क्यों नहीं कर सकते?

दो हफ्ते में शुरू होगी कर्जमाफी की प्रक्रिया-इधर, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने के कारण प्रदेश के जिन पात्र किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ नहीं हो पाए थे, उनकी कर्जमाफी की प्रक्रिया दो हफ्ते में शुरू कर दी जाएगी। आगे यह प्रक्रिया तब तक चलेगी, जब तक सभी 55 लाख किसानों के कर्जमाफ नहीं हो जाते। उल्लेखनीय है कांग्रेस सरकार ने किसानों के दो लाख रुपए के कर्ज माफ किए जाने का वाद किया था, जिसके तहत लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने के पहले 22 लाख किसानों का ही कर्जमाफ हो पाया था।

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