प्रदेश में चलेगा ‘जल आंदोलन’, युवाओं को ‘जलदूत’ बनाएगी सरकार

भोपाल
प्रदेश में जनता की सलाह और भागीदारी से पानी बचाने का काम होगा। राज्य स्तर पर एक जल प्रकोष्ठ गठित किया गया है। इसकी जिम्मेदारी सचिव स्तर के अधिकारी को दी गई है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जनता के नाम जारी संदेश में पानी को सहेजने और नए जल स्त्रोतों को विकसित करने के लिए अपने अनुभव और सुझाव साझा करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि पानी बचाने के काम में युवा शक्ति समितियां गठित कर युवाओं को पानी बचाने का दायित्व सौपेंगे और एक बड़ा आंदोलन चलाएंगे। उन्होने युवाओं से जल दूत बनने आग्रह किया है ।

 मुख्यमंत्री  नाथ ने कहा कि वाटर सेल पानी को सहेजने और उसके किफायती उपयोग की रणनीति तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आने वाले समय में पानी को बचाने और जल राशि बढ़ाने के लिए अब जो भी काम होंगे, वह प्रदेश के नागरिकों की सलाह और साझेदारी के साथ होंगे। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वे जलदूत के रूप में काम करें। युवाओं की सोच, नजरिए और जोश से पानी की हर बूँद को बचाकर हम उसका बेहतर उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे जहां भी हैं, जो भी काम कर रहे हैं, अपने-अपने क्षेत्रों में समाज के सभी वर्गों में पानी के संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करें। पानी को रोकने के लिए अधिक से अधिक काम करने में योगदान दें।
 
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सूखा एक प्राकृतिक प्रकोप है। इस पर किसी का कोई बस नहीं हैं, लेकिन सूखे से निपटने की ताकत और ऊर्जा सभी लोगों में है। इसलिए हम सब मिलकर पानी बचाने का काम करके इस संकट का सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बरसात में बारिश का पानी गांव में ही रोकने के लिए जरूरी सभी काम हम सब लोगों को करना होगा। बड़ी-बड़ी योजनाओं की बजाए ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर तालाबों, चैकडेम, खेत-तालाबों परकोलेशन तालाब, मेढ़-बंधान, कुँआ रिचार्ज जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण काम हमें मिलकर करना होंगे। बड़े पैमाने पर पौधा-रोपण करें और उन्हें सिंचित करने के साथ सुरक्षित भी रखें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बड़े किसानों से आग्रह किया है कि वे स्वयं के खेतों में अपने पैसे से पानी रोकने के लिए खेत, तालाब और भू-जल रिचार्ज का काम करें।

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