गेहूँ पर मिलेगी 160 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि
भोपाल
प्रदेश में इस बार गेहूँ की बम्पर फसल होने पर भी किसानों को मूल्य कम मिलने की चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं होगी। भारत सरकार ने गेहूँ का समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, किन्तु मध्यप्रदेश सरकार 2000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों का गेहूँ खरीदेगी। यह बढ़ी हुई 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदेश सरकार अपने बजट से देगी। प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जायेगी, जो मण्डी जाकर अपना गेहूँ बेचेंगे। यह राशि लेने के लिए किसानों पर सरकारी एजेंसियों को ही गेहूँ बेचने का बंधन नहीं होगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को यह बात कही। नाथ ने कहा कि भावांतर योजना में केन्द्र और राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है, इसलिए मध्यप्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि भारत सरकार सोयाबीन भावांतर की रोकी हुई लगभग 1000 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश सरकार को दे दे, जिससे प्रदेश सरकार अपने हिस्से की राशि जोड़कर किसानों को तत्काल भुगतान कर सके। यदि भारत सरकार ने यह राशि नहीं दी, तब भी मध्यप्रदेश सरकार किसानों को भावांतर राशि का पूरा भुगतान करेगी।
ख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने भारत सरकार से पैसे मिलने की उम्मीद में सिर्फ घोषणा ही की थी। भाजपा सरकार ने सोयाबीन पर 500 रुपये प्रति क्विंटल का ऐलान किया था, जबकि आदेश ‘500 रुपये प्रति क्विंटल तक’ का निकाला था। ऐसा कर तत्कालीन प्रदेश सरकार ने किसानों को गुमराह किया था। भाजपा सरकार ने मक्का के संबंध में भी भावांतर की घोषणा कर दी थी, जिसे भारत सरकार ने अभी तक स्वीकृति नहीं दी है। भारत सरकार के किसान विरोधी रवैये के कारण हमारे प्रदेश के किसानों को पूरा-पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। भारत सरकार के इस रवैये के बावजूद हम किसानों को पूरा लाभ दिलायेंगे। मक्का की भावांतर राशि जो मंडी में औसत मॉडल बिक्री भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य का अंतर यानि 219 रुपये प्रति क्विंटल आ रही थी, को बढ़ाकर 250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को भुगतान किया जायेगा।
समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी
नाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य किसानों की ऋण माफी के बाद कृषि उत्पादन बढ़ाकर उन्हें उचित मूल्य देना है जिससे अन्नदाता समृद्धि और खुशहाली की ओर बढ़ सकें। सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की खरीदी प्रारंभ है। सरकार किसानों से किये गए हर वचन को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य सरकार के किसान हितैषी निर्णयों से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। किसानों के हितों का ध्यान रखना राज्य सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य है। इस लक्ष्य पूर्ति में किसी भी तरह की बाधा आने पर उसे दूर किया जायेगा। किसानों की भलाई का कार्य निरंतर जारी रहेगा।