प्रदेश के विधायी इतिहास का काला दिन : चौहान

भोपाल

नवगठित विधानसभा के पहले दिन अध्यक्ष पद के लिये चुनाव की प्रक्रिया में प्रोटेम स्पीकर द्वारा अपनाई गई पद्धति पर रोष व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। भाजपा विधायकों के साथ विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे श्री चौहान ने कांग्रेस सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया और राज्यपाल से लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के लिये उचित कदम उठाने की मांग की।

चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा के उम्मीदवार का नाम ना पुकारे जाने और बगैर वोटिंग के ही कांग्रेस उम्मीदवार को प्रोटेम स्पीकर द्वारा अध्यक्ष घोषित किये जाने को अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का पहला दिन प्रदेश के विधायी इतिहास का काला दिन रहा। सत्ता पक्ष द्वारा सदन में लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई गईं।

कार्य मंत्रणा समिति की घोषणा

इधर, विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह द्वारा मंगलवार को कार्य मंत्रणा की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, तुलसी सिलावट विजयलक्ष्मी साधो, गोविंद सिंह, शिवराज सिंह चौहान, केपी सिंह, बिसाहू लाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग यशपाल सिंह सिसोदिया, संजीव सिंह कुशवाह कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य बने

भाजपा ने कर ली थी वोटिंग की तैयारी

भाजपा ने अध्यक्ष चुनाव के लिए वोटिंग की तैयारी कर ली थी। यही वजह थी कि वरिष्ठ विधायक करण सिंह वर्मा को विशेष तौर पर भोपाल बुलाया गया। वर्मा की धर्म पत्नी का सोमवार को ही निधन हो गया था। वहीं विधायक यशोधरा राजे सिंधिया विदेश जाने वाली थी, उन्हें रोका गया।

 

भाजपा ने की थी गुप्त मतदान की मांग

स्पीकर चुनाव प्रक्रिया से पहले भाजपा ने गुप्त मतदान की मांग की थी। जिसे विधानसभा में खारिज कर दिया। भाजपा ने इसका भी विरोध किया। सत्तापक्ष ने इसके जवाब में तर्क दिया था कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने ही ओवन वोटिंग की शुरूआत की थी।

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