प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को दिया गया भारत रत्न पुरस्कार

नई दिल्ली
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। उनके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता और जाने-माने समाजसेवी रहे नानाजी देशमुख और असम के महान गायक भूपेन हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। नानाजी देशमुख की तरफ से दीनदयाल उपाध्याय रिसर्च इंस्टिट्यूट के चेयरमैन वीरेंद्रजीत सिंह और भूपेन हजारिका की तरफ से उनके बेटे तेज हजारिका ने भारत रत्न लिया।

इसी साल जनवरी में इन तीनों हस्तियों को भारत रत्न देने का ऐलान हुआ था। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मोदी सरकार के तमाम बड़े मंत्री शामिल हुए। भारत रत्न के तौर पर उससे सम्मानित होने वाली हस्ती को एक ताम्र पदक दिया जाता है। पीपल के पत्ते के आकार के ताम्र पदक पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना होता है जिसके नीचे चांदी से 'भारत रत्न' लिखा रहता है।

भारत रत्न पाने वाले पांचवें राष्ट्रपति
83 साल के प्रणब मुखर्जी यह सम्मान पाने वाले पांचवें ऐसे शख्स हैं, जो देश के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। उनसे पहले डॉ. एस. राधाकृष्णन, राजेंद्र प्रसाद, जाकिर हुसैन और वीवी गिरी भी भारत रत्न से सम्मानित हो चुके हैं।

उपलब्धियों से भरा रहा है प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक करियर
प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक करियर उपलब्धियों से भरा रहा है। राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और यूपीए सरकार के दौरान महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में जन्मे प्रणब के सक्रिय राजनीतिक करियर की शुरुआत 1969 में उनके राज्यसभा निर्वाचन के साथ हुई थी। उसके बाद अलग-अलग कांग्रेस सरकारों में उन्होंने वित्त, रक्षा, विदेश जैसे अहम मंत्रालयों का पदभार संभाला। प्रणब मुखर्जी की छवि एक निर्विवाद नेता की रही है।

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